दिल्ली हाईकोर्ट ने इंजीनियर राशिद को संसद जाने के लिए जेल अधिकारियों द्वारा मांगी गई राशि का 50% जमा करने को कहा, 3 दिन के भीतर 4 लाख का भुगतान करना होगा

दिल्ली हाईकोर्ट ने शुक्रवार (28 मार्च) को जेल में बंद जम्मू-कश्मीर के सांसद इंजीनियर राशिद को संसद सत्र के दूसरे भाग में भाग लेने के लिए जेल अधिकारियों के पास 4 लाख (लगभग) जमा करने का आदेश दिया, जो 04 अप्रैल को समाप्त हो रहा है।
यह राशि जेल अधिकारियों द्वारा मांगी गई कुल राशि (8.74 लाख) का 50% है, ताकि वह 'हिरासत में' संसद जा सकें, जिसका आदेश हाईकोर्ट ने 25 मार्च को दिया था।
जस्टिस चंद्र धारी सिंह और जस्टिस अनूप जयराम भंभानी की खंडपीठ ने राशिद को तीन दिन के भीतर राशि जमा करने का निर्देश दिया।
राशिद के वकील को 26 मार्च को जेल अधिकारियों से एक ईमेल मिला था, जिसमें कहा गया कि उन्हें यात्रा और संबंधित व्यवस्थाओं के लिए प्रत्येक दिन 1,45,736 रुपये का भुगतान करना होगा यानी कुल 1,50,000 रुपये यह कुल छह दिनों के लिए 8,74,416 रुपये होगा।
रशीद की ओर से पेश सीनियर एडवोकेट एन हरिहरन ने कहा कि उन्होंने पहले ही 1.45 लाख रु का भुगतान कर दिया और वे जेल अधिकारियों द्वारा मांगे गए कुल खर्च का 50% भुगतान करने के लिए तैयार हैं। उन्होंने आगे कहा कि यह राशि तीन दिनों में जमा कर दी जाएगी।
उनकी दलीलों को दर्ज करते हुए न्यायालय ने कहा,
“1.45 लाख रु. को 50% में से निकाल दिया जाए और शेष राशि जमा की जाए 4 लाख रु. और [1.45 लाख पहले ही जमा हो चुके हैं] शेष राशि तीन दिनों के भीतर जमा की जाए। जेल अधिकारी उन्हें हिरासत में ले सकते हैं ताकि वे संसद में उपस्थित हो सकें।”
रशीद ने संसद में अपने दैनिक यात्रा व्यय का भुगतान करने की शर्त को माफ करने के लिए हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।
NIA की ओर से पेश वकील ने रशीद के आवेदन का विरोध करते हुए कहा कि यह कानून की प्रक्रिया का घोर दुरुपयोग है।
वकील ने दिल्ली दंगों के मामले में विचाराधीन कैदी मोहम्मद ताहिर हुसैन को हिरासत में पैरोल देने और उसे प्रतिदिन खर्च के रूप में 2,07,429 रुपये जमा करने के लिए कहने वाले सुप्रीम कोर्ट के आदेश का हवाला दिया।
कोर्ट ने राशिद के आवेदन पर नोटिस जारी किया और NIA को जवाब दाखिल करने के लिए चार सप्ताह का समय दिया।
अब मामले की सुनवाई 19 मई को होगी।
गुरुवार को दायर तत्काल आवेदन में राशिद ने कहा कि वह इतनी बड़ी राशि का इंतजाम करने में असमर्थ है।
उन्होंने कहा कि जब फरवरी में एकल न्यायाधीश ने उन्हें दो दिनों के लिए संसद में उपस्थित होने की अनुमति दी थी, तब उन पर ऐसी कोई शर्त नहीं लगाई गई थी।
याचिका में कहा गया,
"जेल अधिकारियों द्वारा अब जो लागत मांगी जा रही है, वह अत्यधिक है। आवेदक इसे वहन करने की वित्तीय स्थिति में नहीं है। यह प्रस्तुत किया गया कि आवेदक 09.08.2019 से हिरासत में है और उसके पास इतनी बड़ी और अत्यधिक राशि जुटाने का कोई साधन नहीं है।"
राशिद 2024 के लोकसभा चुनाव में बारामुल्ला निर्वाचन क्षेत्र से चुने गए और 2017 के आतंकी-वित्तपोषण मामले में गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम (UAPA) के तहत NIA द्वारा उन्हें गिरफ्तार किए जाने के बाद 2019 से तिहाड़ जेल में बंद हैं।
राशिद 2019 से जेल में हैं जब कथित आतंकी फंडिंग मामले में गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम के तहत NIA द्वारा उन पर आरोप लगाए गए।
केस टाइटल: अब्दुल रशीद शेख बनाम एनआईए