शादी से पहले वैवाहिक इतिहास छिपाना तथ्यों का दमन' ऐसी शादी रद्द हो सकती है: दिल्ली हाईकोर्ट
दिल्ली हाईकोर्ट ने अहम फैसले में कहा कि शादी से पहले अपने वैवाहिक इतिहास को छिपाना कोई मामूली गलती नहीं बल्कि एक गंभीर तथ्य छिपाना है, जो विवाह की जड़ पर प्रहार करता है। हिंदू विवाह अधिनियम की धारा 12 के तहत ऐसी शादी को रद्द करने योग्य बना देता है।
जस्टिस अनिल क्षेत्रपाल और जस्टिस हरीश वैद्यनाथन शंकर की खंडपीठ ने कहा,
“ऐसे तथ्य को छिपाना स्वतंत्र और सूचित सहमति की नींव को हिला देता है, जिससे विवाह धारा 12(1)(c) के तहत रद्द करने योग्य हो जाता है।”
अदालत ने पति की उस अपील को खारिज कर दिया, जिसमें उसने फैमिली कोर्ट के आदेश को चुनौती दी। फैमिली कोर्ट ने पत्नी की याचिका स्वीकार करते हुए विवाह रद्द कर दिया था। यह पाया गया कि पति ने अपनी पिछली शादी की जानकारी छिपाई और अपनी वेतन संबंधी जानकारी में भी अंतर था।
ऑनलाइन प्रोफाइल से खुली पोल
अदालत ने पाया कि पति ने विवाह से पहले Matrimonial पोर्टल “www.shaadi.com” पर अपना प्रोफाइल 'Never Married' यानी कभी शादी नहीं की के रूप में डाला था। पत्नी ने इसी प्रोफाइल के आधार पर शादी के लिए सहमति दी थी।