DUSU Elections: हाईकोर्ट ने दिल्ली यूनिवर्सिटी के कुलपति को महिलाओं के लिए 50% आरक्षण की मांग करने वाले प्रतिनिधित्व पर निर्णय लेने का निर्देश दिया

Update: 2024-09-11 08:13 GMT

Delhi University

दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली यूनिवर्सिटी के कुलपति को डीयू छात्र संघ (DUSU) चुनावों में महिलाओं के लिए 50% सीटों के आरक्षण के लिए अक्टूबर 2023 में दिए गए प्रतिनिधित्व पर निर्णय लेने का निर्देश दिया।

एक्टिंग चीफ जस्टिस मनमोहन और जस्टिस तुषार राव गेडेला की पीठ ने कहा कि याचिकाकर्ता ने 2006 की जेएम लिंगदोह समिति की रिपोर्ट पर भरोसा किया, जिसमें भारत में स्टूडेंट निकाय चुनावों के नियमन के लिए उपायों की सिफारिश की गई।

याचिकाकर्ता के वकील ने संविधान (106वां संशोधन) अधिनियम 2023 का भी हवाला दिया, जो लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में महिलाओं के लिए 1/3 आरक्षण प्रदान करता है। उन्होंने उत्तराखंड सरकार द्वारा सभी राजकीय एवं प्राइवेट कॉलेजों एवं यूनिवर्सिटी में स्टूडेंट यूनियन चुनावों में लड़कियों के लिए 50% सीटें आरक्षित करने के निर्णय की ओर भी इशारा किया।

याचिकाकर्ता ने दावा किया कि वह पिछले दो वर्षों से यूनिवर्सिटी अनुदान आयोग के साथ-साथ केंद्र सरकार से भी गुहार लगा रहा है, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ।

उन्होंने चुनाव के दौरान महिलाओं की सुरक्षा के लिए समिति गठित करने के लिए अंतरिम निर्देश भी मांगा। उन्होंने कहा कि चुनाव के दौरान बड़े पैमाने पर हिंसा महिलाओं के प्रतिनिधित्व में बाधा उत्पन्न करती है।

DU के वकील मोहिंदर रूपल ने इस मुद्दे पर निर्णय लेने के लिए 3 सप्ताह का समय मांगा।

इसके मद्देनजर न्यायालय ने कुलपति को निर्देश देते हुए याचिका का निपटारा किया कि वह याचिकाकर्ता के 25 अक्टूबर 2023 के अभ्यावेदन पर कानून के अनुसार यथाशीघ्र निर्णय लें।

केस टाइटल- शबाना हुसैन बनाम भारत संघ

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