कोई बरामदगी नहीं, कोई भौतिक साक्ष्य नहीं, कोई आतंकवाद का आरोप नहीं; UAPA क्यों?' उमर खालिद ने दिल्ली हाईकोर्ट के समक्ष जमानत के लिए दलील दी

Update: 2024-12-07 07:11 GMT

पूर्व JNU स्टूडेंट उमर खालिद ने आज दिल्ली हाईकोर्ट के समक्ष दलील दी कि उन्हें 2020 के उत्तर-पूर्वी दिल्ली दंगों से संबंधित एक बड़ी साजिश का आरोप लगाते हुए UAPA मामले में दिल्ली पुलिस द्वारा कैसे आरोपी बनाया गया।

सीनियर एडवोकेट त्रिदीप पेस ने मामले में उन्हें जमानत देने से इनकार करने वाले ट्रायल कोर्ट के आदेश को चुनौती देने वाली खालिद की अपील में जस्टिस नवीन चावला और जस्टिस शालिंदर कौर की खंडपीठ के समक्ष यह दलील दी।

पेस ने कहा कि साजिश की बैठक में कथित तौर पर कई अन्य लोग शामिल थे लेकिन मामले में केवल उन्हें और शरजील इमाम को ही आरोपी बनाया गया।

उन्होंने कहा,

"जब दूसरे आरोपी नहीं हैं तो हम कैसे आरोपी हैं?"

पेस ने आगे तर्क दिया कि इस व्यक्ति या उस व्यक्ति को आरोपी बनाने का आधार भी ज्ञात नहीं है।

पेस ने कहा,

"उस बैठक में अन्य लोग भी थे जिस बैठक में गवाहों के बयान हैं, उसमें अन्य लोग भी थे पेस ने आगे कहा कि हिंसा के समय खालिद उत्तर-पूर्वी दिल्ली में भी नहीं था। अमरावती में उसका भाषण अहिंसा के गांधीवादी सिद्धांत पर केंद्रित था।”

पेस ने कहा,

"मुझसे या मेरे कहने पर कोई बरामदगी नहीं हुई। मेरी मिलीभगत दिखाने के लिए कोई भौतिक सबूत नहीं है। खरीद-फरोख्त या धन जुटाने का कोई आरोप नहीं है। आतंकवादी कृत्य का कोई आरोप नहीं है।"

मामले की सुनवाई अब 12 दिसंबर को होगी।

पीठ उमर खालिद, शरजील इमाम, मोहम्मद सलीम खान, शिफा उर रहमान, शादाब अहमद, अतहर खान, खालिद सैफी और गुलफिशा फातिमा द्वारा दायर जमानत याचिकाओं पर सुनवाई कर रही है। आरोपी इशरत जहां को दी गई जमानत के खिलाफ दिल्ली पुलिस की अपील भी बैच में सूचीबद्ध है।

अक्टूबर 2022 में जस्टिस सिद्धार्थ मृदुल की अध्यक्षता वाली समन्वय पीठ ने उमर खालिद को जमानत देने से इनकार कर दिया था। इसके बाद उन्होंने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया लेकिन बाद में अपनी एसएलपी वापस ले ली। ट्रायल कोर्ट में उनके द्वारा दूसरी नियमित जमानत याचिका दायर की गई, जिसे इस साल की शुरुआत में खारिज कर दिया गया।

खालिद की अपील में अब उनकी दूसरी नियमित जमानत याचिका खारिज किए जाने को चुनौती दी गई।

अगस्त में जस्टिस सुरेश कुमार कैत की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने जमानत याचिका पर नोटिस जारी किया। अन्य आरोपियों की जमानत अपीलें 2022 से दिल्ली हाईकोर्ट में लंबित हैं। नई खंडपीठ को जमानत अपीलें आवंटित की गईं, क्योंकि पिछली पीठों ने या तो उन पर सुनवाई करने से खुद को अलग कर लिया या वे मामलों की पूरी तरह से सुनवाई और निर्णय नहीं कर पाईं।

2020 की FIR 59 दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल द्वारा भारतीय दंड संहिता, 1860 और गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम, 1967 के तहत विभिन्न अपराधों के तहत दर्ज की गई।

मामले में आरोपी हैं ताहिर हुसैन, उमर खालिद, खालिद सैफी, इशरत जहां, मीरान हैदर, गुलफिशा फातिमा, शिफा-उर-रहमान, आसिफ इकबाल तन्हा, शादाब अहमद, तस्लीम अहमद, सलीम मलिक, मोहम्मद। सलीम खान, अतहर खान, सफूरा जरगर, शरजील इमाम, फैजान खान और नताशा नरवाल।

केस टाइटल: उमर खालिद बनाम राज्य

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