दिल्ली हाईकोर्ट ने पिता द्वारा यौन शोषण की शिकार नाबालिग को 9 लाख रुपये से अधिक का मुआवज़ा देने का आदेश दिया

Update: 2024-09-18 07:38 GMT

दिल्ली हाईकोर्ट ने हाल ही में DSLSA को नाबालिग बलात्कार पीड़िता को 9.65 लाख रुपये का मुआवज़ा देने का निर्देश दिया। पीड़िता का 2018 में उसके पिता द्वारा यौन शोषण और उत्पीड़न किया गया। घटना के समय नाबालिग की आयु 17 वर्ष थी।

जस्टिस मनोज कुमार ओहरी ने कहा,

“न्याय को ठीक करने के लिए पीड़िता को मुआवज़ा देना अनिवार्य हिस्सा है। मुआवज़ा न केवल मौद्रिक राहत प्रदान करता है बल्कि यह ऐसा कार्य भी है, जो किसी व्यक्ति को फिर से स्वस्थ बनाने का प्रयास करता है, जिससे पीड़िता पुनर्वास के लिए कदम उठा सके और नए सिरे से शुरुआत कर सके।”

अदालत पीड़िता की उस याचिका पर विचार कर रही थी, जिसमें 2022 में पारित ट्रायल कोर्ट के आदेश को चुनौती दी गई, जिसमें उसे 10,000 रुपये का अंतिम मुआवजा देने का आदेश दिया गया। इससे पहले 2020 में उसे 75,000 रुपये का अंतरिम मुआवजा दिया गया।

2021 में आरोपी पिता ने अपने घर पर आत्महत्या कर ली, जिसके बाद उसके खिलाफ कार्यवाही बंद कर दी गई।

अदालत ने पीड़ित प्रभाव आकलन रिपोर्ट का अवलोकन किया और कहा कि पीड़िता को गंभीर मानसिक आघात पहुंचा था। उसके पिता के हाथों उसे गंभीर यौन उत्पीड़न का सामना करना पड़ा था।

आगे कहा गया कि पीड़िता की मां परिवार की एकमात्र कमाने वाली सदस्य है, जो प्रति माह 7,000 रुपये की मामूली राशि कमाती है, जो तीन लोगों के परिवार को पालने के लिए अपर्याप्त है।

उन्होंने कहा,

“वर्तमान मामले में अपराध, यानी गंभीर यौन उत्पीड़न, योजना में स्पष्ट रूप से उल्लेख नहीं किया गया। लेकिन यह इस न्यायालय द्वारा मुआवजे की मात्रा निर्धारित करते समय संदर्भ के रूप में अप्राकृतिक यौन उत्पीड़न' जैसे समान अपराध का उपयोग करने के रास्ते में नहीं आएगा।”

जस्टिस ओहरी ने निष्कर्ष निकाला,

“इस न्यायालय द्वारा याचिकाकर्ता को देय मुआवजा अंततः 10.5 लाख रुपये निर्धारित किया गया। चूंकि याचिकाकर्ता को पहले ही 85,000 रुपये का भुगतान किया जा चुका है, इसलिए याचिकाकर्ता अब 9,65,000 रुपये की अतिरिक्त राशि प्राप्त करने की हकदार है।”

केस टाइटल- एक्स बनाम राज्य एवं अन्य।

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