आप सरकारी विभाग से भी बदतर, अपना घर ठीक कीजिए: दिल्ली हाइकोर्ट ने TV Today की याचिका पर मेटा को फटकार लगाई
दिल्ली हाइकोर्ट ने मंगलवार को टीवी टुडे नेटवर्क को "चक्कर में" लेने और अपनी पत्रिका हार्पर बाजार इंडिया (bazaarindia) के लिए बनाए गए इंस्टाग्राम अकाउंट निलंबित करने की शिकायत पर निर्णय नहीं लेने के लिए मेटा पर नाराजगी व्यक्त की।
एक्टिंग चीफ जस्टिस मनमोहन और जस्टिस मनमीत पीएस अरोड़ा की खंडपीठ ने मेटा से अपना घर ठीक करने को कहा और टिप्पणी की कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म सरकारी विभाग से भी बदतर है।
लंच से पहले के सत्र में कोर्ट ने टीवी टुडे के वकील एडवोकेट ऋषिकेश बरुआ को मेटा के वकील एडवोकेट तेजस करिया की मौजूदगी में इंस्टाग्राम के शिकायत निवारण हाइपरलिंक पर उपलब्ध फॉर्म भरने के लिए कहा।
खंडपीठ ने टिप्पणी की कि मेटा को फॉर्म को सरल बनाना चाहिए और एक बार कोई शिकायत दर्ज होने के बाद उसे कहीं और जाने के बिना संबंधित अधिकारी को निर्देशित किया जाना चाहिए।
पोस्ट लंच सेशन मे बरुआ ने कोर्ट को सूचित किया कि फॉर्म भर दिया गया, लेकिन मेटा ने फिर से शिकायत को खारिज कर दिया।
इसके बाद बेंच ने मेटा से नाराजगी व्यक्त की और कहा कि यदि शिकायत पर निर्णय नहीं लिया जाता है तो कोर्ट प्रथम दृष्टया यह टिप्पणी करेगी कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म टीवी टुडे के वकील को गोल-गोल घुमा रहा है।
कोर्ट ने करिया से कहा,
“अब आप हमारे साथ जिद्दी नहीं हो सकते। हम जो कह रहे हैं, उसका पालन करें। आप समझ नहीं पा रहे हैं कि हम क्या कह रहे हैं, हम आपके साथ बहुत उदार रहे हैं। हमने आपको अपना घर ठीक करने के लिए पर्याप्त समय दिया है आपके पास अरबों उपयोगकर्ता हो सकते हैं, लेकिन आपका घर ठीक नहीं है।”
खंडपीठ ने करिया से यह सुनिश्चित करने को कहा कि टीवी टुडे द्वारा की गई अपील या शिकायत पर विचार किया जाए और उचित तरीके से निर्णय लिया जाए।
अदालत ने कहा,
“आपका सिस्टम काम नहीं कर रहा है। हम आदेश पारित करेंगे और फिर आपको फटकार लगाएंगे। ऐसा मत करो कृपया समझें, यदि सिस्टम काम नहीं करेगा तो नियम अमान्य हो जाएगा।”
करिया ने अदालत को बताया कि टीवी टुडे द्वारा दिखाया गया ईमेल शिकायत खारिज करने का निर्णय नहीं है बल्कि ऑटोमैटिक उत्तर है।
अदालत ने करिया से कहा,
“यह गलत उत्तर नहीं है। आप सरकारी विभाग से भी बदतर हैं। आप फटकार मांग रहे हैं, आपको यह मिलेगी। इसके साथ चलना आसान नहीं है। आपको स्थिति के प्रति सजग रहना होगा।”
इसके बाद अदालत ने मामले को बुधवार के लिए सूचीबद्ध किया और मेटा से टीवी टुडे को ईमेल जारी करने को कहा, जिसमें कहा गया हो कि उसकी शिकायत प्राप्त हो गई और उस पर निर्णय लिया जाएगा।
खंडपीठ इंडिया टुडे और आजतक समाचार चैनलों के मालिक टीवी टुडे नेटवर्क द्वारा दायर याचिका पर विचार कर रही थी, जिसमें सूचना प्रौद्योगिकी (मध्यस्थ दिशानिर्देश और डिजिटल मीडिया आचार संहिता) नियम 2021 के नियम 3(1)(सी) की संवैधानिक वैधता को चुनौती दी गई।
नियम 3(1)(सी) में कहा गया है कि एक मध्यस्थ अपने उपयोगकर्ताओं को समय-समय पर कम से कम हर साल एक बार सूचित करेगा कि ऐसे मध्यस्थ के कंप्यूटर संसाधन तक पहुंच या उपयोग के लिए नियमों और विनियमों, निजता नीति या उपयोगकर्ता समझौते का पालन न करने की स्थिति में उसे कंप्यूटर संसाधन तक उपयोगकर्ताओं की पहुंच या उपयोग के अधिकारों को तुरंत समाप्त करने या गैर-अनुपालन वाली जानकारी को हटाने या दोनों, जैसा भी मामला हो, का अधिकार है।
टीवी टुडे का मामला यह है कि नियम 4(8) के तहत गैरकानूनी या उल्लंघनकारी सामग्री को हटाने के लिए प्रदान किए गए किसी भी सुरक्षा उपायों का पालन किए बिना ही आपत्तिजनक कार्रवाई की गई, जिसे विशेष रूप से आईटी नियमों के नियम 3(1)(बी) के तहत गैरकानूनी या उल्लंघनकारी के रूप में पहचाना गया।
टीवी टुडे तीसरे पक्ष की कॉपीराइट शिकायतों के आधार पर अपने इंस्टाग्राम अकाउंट के निलंबन से व्यथित है। हाल ही में टीवी ने अदालत को बताया कि वह आईटी नियमों के तहत शिकायत अपीलीय समिति के समक्ष अपील दायर करेगा। तदनुसार, खंडपीठ ने आदेश दिया कि यदि ऐसी कोई अपील दायर की जाती है तो शिकायत अपीलीय समिति यथासंभव शीघ्रता से अधिमानतः दो सप्ताह के भीतर उस पर निर्णय लेगी।
केस टाइटल: टीवी टुडे नेटवर्क लिमिटेड और अन्य बनाम भारत संघ और अन्य।