दिल्ली हाईकोर्ट ने जर्नालिस्ट रजत शर्मा के खिलाफ शेयर किए गए डीपफेक कंटेंट हटाने का आदेश दिया
दिल्ली हाईकोर्ट ने जर्नालिस्ट रजत शर्मा के व्यक्तित्व अधिकारों की रक्षा करते हुए उनके खिलाफ कृत्रिम बुद्धिमत्ता और डीपफेक टेक्निक के माध्यम से तैयार की गई सामग्री को हटाने का आदेश दिया।
जस्टिस अमित बंसल ने सीनियर पत्रकार की लिखित अनुमति के बिना एआई या डीपफेक तकनीक के माध्यम से किसी भी व्यावसायिक या व्यक्तिगत लाभ के लिए नाम, समानता, छवि, आवाज, फोटो, वीडियो आदि का प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से दुरुपयोग, दुरुपयोग या शोषण करने से 8 प्रतिवादी व्यक्तियों और संस्थाओं को रोक दिया।
न्यायालय ने प्रतिवादियों के खिलाफ शर्मा के मुकदमे में उनके पक्ष में अंतरिम निषेधाज्ञा आदेश पारित किया, जिसमें आरोप लगाया गया कि वे गलत सूचना फैला रहे थे, जिसमें शर्मा की विकृत, संशोधित और संशोधित छवियों या आवाज और अन्य व्यक्तित्व लक्षणों वाले डॉक्टर्ड वीडियो बनाने के लिए एआई तकनीक का गलत उपयोग शामिल था।
शर्मा ने यह भी आरोप लगाया कि प्रतिवादी अनधिकृत रूप से इंडिया टीवी के विभिन्न पंजीकृत ट्रेडमार्क का उपयोग कर रहे हैं। उसका उल्लंघन कर रहे हैं। साथ ही इसके 'आज की बात: रजत शर्मा के साथ' शो के फुटेज में कॉपीराइट का भी उल्लंघन कर रहे हैं।
यह प्रस्तुत किया गया कि धोखाधड़ी वाले स्वास्थ्य दावों के लिए शर्मा के व्यक्तित्व का दुरुपयोग नुकसान की प्रवृत्ति को बढ़ाता है, संभावित रूप से उन अनगिनत व्यक्तियों के स्वास्थ्य और सुरक्षा को खतरे में डालता है जो कथित समर्थन पर भरोसा करते हैं।
न्यायालय ने कहा,
“उपर्युक्त पर विचार करते हुए प्रथम दृष्टया मामला वादी के पक्ष में और प्रतिवादियों के खिलाफ बनता है। सुविधा का संतुलन भी वादी के पक्ष में और प्रतिवादी के खिलाफ है। यदि प्रतिवादियों को उपरोक्त उल्लंघनकारी पोस्ट/वीडियो पोस्ट करना जारी रखने की अनुमति दी जाती है तो वादी को अपूरणीय क्षति होगी।”
उन्होंने मेटा प्लेटफॉर्म्स इंक को प्रतिवादियों की आपत्तिजनक सामग्री को तुरंत ब्लॉक करने या हटाने का निर्देश दिया।
न्यायालय ने कहा,
"यदि वादीगण मुकदमे के लंबित रहने के दौरान, वादीगण से संबंधित या उससे संबंधित न होने वाले किसी भी झूठे, फर्जी और उल्लंघनकारी वीडियो का पता लगाते हैं तो वादीगण प्रतिवादी संख्या 9 से संपर्क करके उनसे ऐसे किसी भी पोस्ट/वीडियो/पाठ या किसी भी सामग्री को ब्लॉक/हटाने का अनुरोध करने के लिए स्वतंत्र होंगे, जो उनके प्लेटफार्मों पर प्रकाशित की गई या उनके प्लेटफार्मों का उपयोग कर रही है। इस आशय का एक हलफनामा इस न्यायालय के समक्ष दायर करेंगे।"
अब मामले की सुनवाई 03 अप्रैल, 2025 को होगी।
केस टाइटल: रजत शर्मा और अन्य बनाम तमारा डॉक्टर और अन्य।