दिल्ली हाइकोर्ट ने सेना पर आर्टिकल हटाने के केंद्र के आदेश के खिलाफ Caravan की याचिका पर नोटिस जारी किया

Update: 2024-03-14 07:29 GMT

दिल्ली हाइकोर्ट ने पत्रिका द कारवां (The Caravan) द्वारा जम्मू-कश्मीर के पुंछ जिले में भारतीय सेना के खिलाफ अत्याचार और हत्या के आरोपों पर अपना आर्टिकल हटाने के केंद्र सरकार के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका पर नोटिस जारी किया।

जस्टिस सुब्रमण्यम प्रसाद ने केंद्र सरकार से जवाब मांगा और मामले को 09 मई को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया।

अदालत ने 07 मार्च को पारित एक आदेश में कहा,

“नोटिस जारी करें। प्रतिवादी की ओर से उपस्थित वकील नोटिस स्वीकार करता है। आज से चार सप्ताह के भीतर जवाब दाखिल किया जाए। इसका प्रत्युत्तर, यदि कोई हो, सुनवाई की अगली तारीख से पहले दाखिल किया जाए।”

यह याचिका द कारवां मैगजीन लॉन्च करने वाली कंपनी दिल्ली प्रेस पत्र प्रकाशन ने दायर की।

याचिका में केंद्र सरकार द्वारा 12 फरवरी को पारित उस आदेश को चुनौती दी गई, जिसमें पत्रिका से कुछ लेख और अपनी वेबसाइट से 11 यूआरएल हटाने का निर्देश दिया गया।

समाचार पोर्टल द वायर द्वारा प्रकाशित लेख के अनुसार, याचिका में कहा गया कि सरकार का आदेश संविधान के अनुच्छेद 19 (1) (ए) के तहत स्वतंत्र भाषण और अभिव्यक्ति के मौलिक अधिकार और प्रेस की स्वतंत्रता और अनुच्छेद 14 के तहत समानता का अधिकार का उल्लंघन करता है।

पत्रिका का मामला है कि केंद्र सरकार द्वारा प्राकृतिक न्याय के सिद्धांतों का पालन नहीं किया गया, क्योंकि शिकायत या उसमें लगाए गए आरोपों की प्रति उसे उपलब्ध नहीं कराई गई।

केस टाइटल- दिल्ली प्रेस पत्र प्रकाशन प्राइवेट लिमिटेड बनाम यूनियन ऑफ इंडिया

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