दिल्ली हाईकोर्ट ने IPL व अन्य क्रिकेट मैचों की अवैध स्ट्रीमिंग रोकने के लिए रियल-टाइम ब्लॉकिंग का आदेश देते हुए सुपरलेटिव निषेज्ञता दी

Update: 2025-06-03 06:18 GMT

दिल्ली हाईकोर्ट ने पहली बार अद्वितीय और सीमित अवधि का सुपरलेटिव इंजंक्शन' (Superlative Injunction) जारी किया, जिससे IPL और भारत के इंग्लैंड दौरे की अवैध स्ट्रीमिंग कर रहे रोग वेबसाइट्स और मोबाइल ऐप्स पर रियल-टाइम में रोक लगाई जा सके।

जस्टिस सौरभ बनर्जी ने स्टार इंडिया के विशेष प्रसारण अधिकारों का उल्लंघन करने से प्रतिवादियों को रोका और अदालत की कार्यवाही के दौरान सामने आने वाली नई वेबसाइट्स और मोबाइल ऐप्स पर तुरंत कार्रवाई की अनुमति दी।

अदालत ने Star India Pvt. Ltd. & Anr. v. Jiolive.Tv and Ors. (2023) मामले का उल्लेख किया, जिसमें लाइव खेल आयोजनों की अवैध स्ट्रीमिंग पर तत्काल ब्लॉकिंग की आवश्यकता को माना गया था।

अदालत ने कहा,

“आज की तकनीकी दुनिया में उल्लंघनकर्ताओं के लिए अल्फा-न्यूमेरिक, मिरर या रीडायरेक्ट वेबसाइट्स बनाना बहुत आसान हो गया और जब तक उन्हें पक्षकार बनाकर राहत मिलती है तब तक समय-संवेदनशील कार्यक्रम जैसे लाइव स्ट्रीमिंग पहले ही अवैध रूप से हो चुके होते हैं> ऐसे मामलों में अदालत को बार-बार तत्काल राहत की आवश्यकता को स्वीकार करना पड़ा है ताकि याचिकाकर्ता के अधिकारों को व्यर्थ न होने दिया जाए।”

यह पहली बार है जब कोर्ट ने सिर्फ वेबसाइट्स ही नहीं, बल्कि मोबाइल ऐप्स के खिलाफ भी यह आदेश पारित किया।

वहीं Star India Pvt. Ltd.  .https://crichdplayer.org & Ors. (2025) के तहत पहले केवल वेबसाइट्स के लिए ही रियल-टाइम इंजंक्शन दिया गया था। लेकिन वर्तमान केस में कोर्ट ने स्पष्ट किया,

रोग मोबाइल ऐप्स और उनके संबंधित डोमेन्स/URLs/UI भी पूरी तरह से और स्पष्ट रूप से याचिकाकर्ता के बौद्धिक संपदा अधिकारों का उल्लंघन कर रहे हैं, इसलिए इनके खिलाफ भी वही राहत लागू होनी चाहिए, जो वेबसाइट्स पर लागू होती है। अंततः अदालत का उद्देश्य कॉपीराइट मालिक के अधिकारों की रक्षा करना है माध्यम कोई भी हो।”

Star India ने यह मुकदमा आईपीटीवी स्मार्टर्स प्रो और अन्य के खिलाफ दायर किया, जिसमें शुरू में चार प्रतिवादी थे। कई अनजान रोग वेबसाइट्स थीं। बाद में कंपनी ने सात अतिरिक्त याचिकाएं दायर कर तीन नई रोग मोबाइल ऐप्स और 16 नई वेबसाइट्स/URLs/UI को शामिल किया।

कंपनी ने तर्क दिया कि बार-बार कोर्ट में जाकर नए ऐप्स या वेबसाइट्स को रोकने की प्रक्रिया में देरी होती है, जो उच्च मूल्य वाले लाइव इवेंट्स जैसे IPL के दौरान भारी नुकसान पहुंचा सकती है।

अदालत ने माना कि ऐसी मोबाइल ऐप्स और वेबसाइट्स अक्सर वास्तविक समय में सामने आती हैं, खासकर जब लाइव स्पोर्ट्स हो रहा हो, इसलिए अदालत ने सुपरलेटिव इंजंक्शन के तहत तुरंत ब्लॉकिंग और टेकिन डाउन की अनुमति दे दी।

अदालत ने कहा,

“सुपरलेटिव इंजंक्शन याचिकाकर्ता को अतिरिक्त उपाय प्रदान करता है, जिससे वह 'रोग' प्रतिवादियों की अवैध गतिविधियों के खिलाफ किसी भी माध्यम से, वास्तविक समय में राहत पा सकते हैं।”

टाइटल: Star India Pvt Ltd बनाम IPTV Smarters Pro और अन्य

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