संजय कपूर की संपत्ति पर विवाद: दिल्ली हाईकोर्ट में प्रिया कपूर की सील्ड कवर अर्जी पर सवाल

Update: 2025-09-25 08:01 GMT

दिल्ली हाईकोर्ट ने गुरुवार (25 सितंबर) को स्वर्गीय उद्योगपति संजय कपूर की पत्नी प्रिया कपूर द्वारा दायर उस अर्जी पर सवाल उठाए, जिसमें उन्होंने दिवंगत पति की संपत्ति और देनदारियों का विवरण सील्ड कवर में दाखिल करने की अनुमति मांगी। प्रिया कपूर का कहना है कि याचिका की सुनवाई से जुड़े दस्तावेज लगातार मीडिया में लीक हो रहे हैं और इससे वित्तीय असर पड़ रहा है।

जस्टिस ज्योति सिंह ने कुछ देर सुनवाई के बाद प्रिय कपूर के वकील को कहा कि वह शुक्रवार को कोई ऐसा सुझाव दें, जिससे सभी पक्षों को संतुलित समाधान मिले।

सीनियर एडवोकेट शैल त्रेहन ने अदालत से कहा कि बैंक और डिमैट खातों की डिटेल जैसी संवेदनशील जानकारियां सार्वजनिक होने पर दुरुपयोग हो सकता है। 

उन्होंने कहा, 

“हम जानकारी देने से नहीं बच रहे हैं लेकिन अनुरोध है कि यह सील्ड कवर में हो और सिर्फ संबंधित पक्षों तक सीमित रहे। आखिर किसी का बैंक अकाउंट नंबर सार्वजनिक क्यों हो।”

अदालत ने मौखिक रूप से कहा कि किसी भी साझेदारी या विभाजन संबंधी मुकदमे में संपत्ति का खुलासा होता है। यदि प्रतिवादी अपनी दलील वसीयत पर आधारित करते हैं तो वादी को इसका जवाब देने के लिए यह जानकारी चाहिए होगी।

वादी पक्ष के वकील ने कहा कि यह कार्यवाही किसी वस्तु से संबंधित है और समाज को भी जानकारी होनी चाहिए कि संपत्तियों पर किसका अधिकार नहीं है। उन्होंने आरोप लगाया कि बैंक खातों से पहले ही धनराशि निकाल ली गई।

सुनवाई के दौरान संजय कपूर की मां (प्रतिवादी नंबर 3) की ओर से सीनियर एडवोकेट अमित सिब्बल ने कहा कि एक क्लास 1 हीयर होने के नाते उन्हें वसीयत को स्वतंत्र रूप से सत्यापित करने का अधिकार है।

 उन्होंने कहा, 

“अगर इसे गोपनीय क्लब या एनडीए में रखा गया तो मेरा अधिकार प्रभावित होगा।”

अदालत ने भी कहा कि विभाजन संबंधी मुकदमों में इस तरह के गोपनीयता समझौते असामान्य हैं और त्रेहन से इस पहलू पर भी जवाब देने को कहा।

यह अर्जी करिश्मा कपूर के बच्चों सामायरा कपूर और कियान राज कपूर द्वारा दायर उस वाद में दाखिल की गई, जिसमें उन्होंने अपने पिता की संपत्ति में हिस्सेदारी की मांग की। उनका कहना है कि पिता की कथित वसीयत जाली और संदेहास्पद परिस्थितियों में तैयार की गई।

वादी बच्चों ने 1/5-1/5 हिस्सेदारी की मांग करते हुए प्रतिवादियों को संपत्ति बेचने या तीसरे पक्ष को अधिकार देने से रोकने का आदेश भी मांगा।

अब इस मामले पर शुक्रवार (26 सितंबर) दोपहर 2:30 बजे फिर सुनवाई होगी।

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