दिल्ली हाईकोर्ट का फैसला: रोलेक्स घड़ी व्यक्तिगत उपयोग के लिए, कॉमर्शियल क्वांटिटी नहीं

Update: 2025-09-23 06:28 GMT

दिल्ली हाईकोर्ट ने स्पष्ट किया कि एयर पैसेंजर से जब्त की गई रोलेक्स घड़ी को कॉमर्शियल क्वांटिटी नहीं माना जा सकता।

जस्टिस प्रतीभा एम. सिंह और शैल जैन की खंडपीठ ने कहा,

“स्पष्ट है कि एक रोलेक्स घड़ी को कॉमर्शियल क्वांटिटी नहीं माना जा सकता और इसे व्यक्तिगत उपयोग के लिए रखा जा सकता है।”

यह आदेश दुबई निवासी एक यात्री की याचिका पर आया, जिसकी एक रोलेक्स घड़ी भारत आगमन पर कस्टम द्वारा बिना घोषणा के आरोप में जब्त कर ली गई।

यात्री को 1,80,000 का जुर्माना अदा कर घड़ी को री-एक्सपोर्ट (पुनः निर्यात) करने की अनुमति दी गई। हालांकि, अदालत ने पाया कि विभाग के आदेश में त्रुटि थी।

कस्टम विभाग की गलती

विभागीय एडजुडिकेटिंग अथॉरिटी ने आदेश में कहा,

“जब्त सामान स्पष्ट रूप से व्यावसायिक मात्रा का है और व्यक्तिगत उपयोग के लिए नहीं हो सकता।”

इस पर हाईकोर्ट ने नाराज़गी जताई और प्राधिकरण को चेतावनी देते हुए निर्देश दिया कि भविष्य में ऐसी गलतियां न हों।

अदालत का आदेश

अदालत ने याचिकाकर्ता को आदेशानुसार घड़ी छुड़ाने की अनुमति दी और कहा कि एडजुडिकेटिंग अथॉरिटी को अपने आदेशों में तथ्यों की सही व्याख्या करनी चाहिए।

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