रेस्तरां द्वारा अनिवार्य सर्विस चार्ज वसूलने को अवैध बताने वाले एकल जज के आदेश के खिलाफ याचिकाएं दायर
दिल्ली हाईकोर्ट में दो अपीलें दायर की गईं, जो एकल जज के उस फैसले को चुनौती देती हैं। इस आदेश में एकल जज ने कहा गया था कि सर्विस चार्ज और टिप उपभोक्ताओं द्वारा दी जाने वाली स्वैच्छिक राशि होती है और इसे रेस्तरां या होटलों द्वारा अनिवार्य रूप से वसूलना वैध नहीं है।
ये अपीलें नेशनल रेस्टोरेंट एसोसिएशन ऑफ इंडिया (NRAI) और फेडरेशन ऑफ होटल्स एंड रेस्टोरेंट एसोसिएशन्स ऑफ इंडिया (FHRAI) द्वारा दायर की गई।
चीफ जस्टिस डी.के. उपाध्याय और जस्टिस तुषार राव गेडेला की खंडपीठ ने इस मामले की सुनवाई की लेकिन कोर्ट की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग प्रणाली में तकनीकी गड़बड़ी आने के कारण सुनवाई स्थगित कर दी गई।
अब यह मामला 9 मई को सुना जाएगा।
मार्च में एकल जज ने रेस्तरां संगठनों द्वारा 2022 के केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (CCPA) की उन गाइडलाइंस को चुनौती देने वाली याचिकाएं खारिज कर दी थीं, जिनमें होटल और रेस्तरां द्वारा भोजन के बिल में स्वतः या डिफ़ॉल्ट रूप से सर्विस चार्ज जोड़ने पर रोक लगाई गई थी।
एकल जज ने गाइडलाइंस को बरकरार रखते हुए याचिकाओं को खारिज कर दिया और याचिकाकर्ताओं पर 1-1 लाख रुपये का जुर्माना लगाया, जिसे उपभोक्ता कल्याण के लिए CCPA में जमा कराने का निर्देश दिया गया।
कोर्ट ने स्पष्ट किया कि भोजन के बिल में सर्विस चार्ज को अनिवार्य रूप से वसूलना कानून के विरुद्ध है। यदि उपभोक्ता स्वेच्छा से टिप देना चाहते हैं तो उस पर कोई रोक नहीं है। लेकिन यह राशि बिल में डिफ़ॉल्ट रूप से नहीं जुड़नी चाहिए बल्कि उपभोक्ता की इच्छा पर छोड़ी जानी चाहिए।
न्यायालय ने यह भी कहा कि सर्विस चार्ज वसूलने का तरीका जबरदस्ती वाला प्रतीत होता है और कई मामलों में उपभोक्ता इसे सर्विस टैक्स या सरकार द्वारा लगाया गया कोई अनिवार्य टैक्स समझ बैठते हैं।
कोर्ट ने यह भी माना कि डिफ़ॉल्ट रूप से सर्विस चार्ज जोड़ना और उपभोक्ता को कोई विकल्प न देना अनुबंधात्मक बाध्यता नहीं कही जा सकती।
अंत में कोर्ट ने CCPA को सुझाव दिया कि सेवा शुल्क' (Service Charge) की शब्दावली में बदलाव पर विचार किया जाए, क्योंकि यह केवल एक 'टिप' 'ग्रेच्युटी' या 'स्वैच्छिक योगदान' है। इसके लिए 'स्वैच्छिक योगदान' 'स्टाफ योगदान', स्टाफ कल्याण कोष जैसे शब्दों का प्रयोग किया जा सकता है।
केस टाइटल- नेशनल रेस्टोरेंट एसोसिएशन बनाम भारत संघ व अन्य