जिला कोर्ट के रिकॉर्ड रूम की स्थिति गंभीर, रिकॉर्ड को जल्द से जल्द हटाया जाना चाहिए: दिल्ली हाइकोर्ट

Update: 2024-04-24 07:27 GMT

दिल्ली हाइकोर्ट ने कहा कि राष्ट्रीय राजधानी में जिला न्यायालयों के रिकॉर्ड रूम की स्थिति गंभीर है और रिकॉर्ड को जल्द से जल्द हटाने की प्रक्रिया को आगे बढ़ाने की आवश्यकता है।

एक्टिंग चीफ जस्टिस मनमोहन और जस्टिस मनमीत प्रीतम सिंह अरोड़ा की खंडपीठ ने कहा कि रिकॉर्ड हटाने की प्रक्रिया की नियमित आधार पर निगरानी की जानी चाहिए।

खंडपीठ ने जिला न्यायालयों के सभी प्रधान जिला एवं सेशन जजों को अपने-अपने जिलों में मामलों को हटाने की प्रगति की निगरानी करने और इस मुद्दे पर प्रभावी कदम उठाने का निर्देश दिया।

अदालत ने आदेश दिया,

"सभी जिला कोर्ट के प्रधान जिला एवं सेशन जजों को इस न्यायालय में तिमाही रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया जाता है।"

खंडपीठ ने दिल्ली की जिला अदालतों में दायर याचिकाओं दस्तावेजों और आवेदनों की पावती के लिए मानकीकृत प्रक्रिया की कमी से संबंधित एक जनहित याचिका का निपटारा किया।

इस साल की शुरुआत में अदालत ने आदेश दिया था कि दिल्ली के सभी जिला न्यायालयों के समक्ष सिविल अधिकार क्षेत्र और आपराधिक शिकायत मामलों में याचिकाओं, दस्तावेजों और अंतरिम आवेदनों की ई-फाइलिंग अनिवार्य की जाए।

दिल्ली हाइकोर्ट प्रशासन की ओर से पेश हुए वकील ने प्रस्तुत किया कि अंतरिम आवेदनों की केंद्रीकृत फाइलिंग और उनके रजिस्ट्रेशन के बारे में जनहित याचिका में उठाई गई शिकायत का समाधान हो गया है क्योंकि सभी जिला न्यायालयों में केंद्रीकृत फाइलिंग प्रणाली लागू की गई है।

अदालत को यह भी बताया गया कि प्रत्येक जिला न्यायालय में छंटनी की निगरानी के लिए समितियों का गठन किया गया है और लगभग 52,000 फाइलों की छंटनी की जा चुकी है।

अदालत ने कहा,

" यह अदालत इस तथ्य को नजरअंदाज नहीं कर सकती कि जिला न्यायालयों के रिकॉर्ड रूम की स्थिति गंभीर है और रिकॉर्ड की छंटाई की प्रक्रिया को तेजी से पूरा करने और नियमित आधार पर निगरानी करने की जरूरत है।"

मामला अब अनुपालन के लिए 02 सितंबर को सूचीबद्ध है।

पिछले साल अक्टूबर में न्यायालय ने दिल्ली के सभी जिला न्यायाधीशों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया था कि किसी मामले के निपटारे के बाद उसके रिकॉर्ड तुरंत रिकॉर्ड रूम में भेजे जाएं।

पिछले साल अगस्त में पीठ ने दिल्ली के सभी जिला न्यायालयों को दलीलों, दस्तावेजों और विविध आवेदनों के लिए एक “मानकीकृत ऑनलाइन फाइलिंग सिस्टम” अपनाने का निर्देश दिया था और उचित नियम लागू होने तक पालन किए जाने वाले कई निर्देश जारी किए थे।

केस टाइटल- करण एस ठुकराल बनाम जिला और सत्र न्यायाधीश और अन्य

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