दिल्ली हाईकोर्ट ने पड़ोसियों के बीच दर्ज FIR रद्द की, आरोपियों को नवरात्रि और दिवाली के दौरान बच्चों के लिए भंडारा आयोजित करने का निर्देश दिया
पड़ोसियों के बीच झगड़े को लेकर दर्ज FIR रद्द करते हुए दिल्ली हाईकोर्ट ने आरोपी पक्षों को दो मौकों नवरात्रि और दिवाली पर गरीब बच्चों के लिए भंडारा आयोजित करने का निर्देश दिया।
जस्टिस अनीश दयाल ने यह आदेश तब पारित किया, जब FIR में आरोपी पति-पत्नी ने इलाके के कम से कम 50 गरीब बच्चों के लिए एक बार नवरात्रि और दूसरी बार दिवाली के दौरान भंडारा आयोजित करने का बीड़ा उठाया था।
अदालत ने एक महिला द्वारा अपने पड़ोसियों पति-पत्नी के खिलाफ भारतीय दंड संहिता 1860 (IPC) की धारा 324, 506 और 34 के तहत दर्ज FIR रद्द कर दी। दोनों पक्षकारों के बीच समझौता होने के बाद ऐसा किया गया।
शिकायतकर्ता अपने पति के साथ आई थी। उसने अदालत को बताया कि उसे FIR रद्द करने पर कोई आपत्ति नहीं है, क्योंकि आरोपी पड़ोसी हैं और उनके बीच के मामले सुलझ चुके हैं।
चूंकि याचिकाकर्ताओं ने समाज सेवा करने का वचन दिया, इसलिए अदालत ने उन्हें तस्वीरों के साथ रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया और उसकी एक कॉपी संबंधित जांच अधिकारी को भी देने का निर्देश दिया।
अदालत ने कहा,
"इस वचन का पालन किए जाने पर उक्त FIR रद्द की जाती है।"
साथ ही अदालत ने पक्षकारों को समझौते की शर्तों का पालन करने का निर्देश दिया।
अदालत ने कहा,
"पक्षकारों के बीच हुए उपरोक्त समझौते और याचिकाकर्ताओं की दोषसिद्धि की संभावना को देखते हुए वर्तमान FIR की कार्यवाही जारी रखने का कोई फायदा नहीं है, क्योंकि यह अदालती प्रक्रिया का दुरुपयोग होगा और राज्य के खजाने पर अनावश्यक बोझ पड़ेगा।"