दिल्ली हाइकोर्ट ने DU लॉ फैकल्टी में पेयजल, बुनियादी सुविधाओं का आकलन करने के लिए हितधारकों की बैठक का आदेश दिया

Update: 2024-06-13 13:00 GMT

दिल्ली हाइकोर्ट ने निर्देश दिया कि दिल्ली यूनिवर्सिटी के लॉ फैकल्टी में पेयजल और अन्य बुनियादी सुविधाओं का आकलन करने के लिए बैठक बुलाई जाए, जिसमें परिसर में वाई-फाई की उपलब्धता भी शामिल है।

यूनिवर्सिटी में सुविधाओं की कमी का आरोप लगाने वाले तीन स्टूडेंट्स द्वारा दायर याचिका पर विचार करते हुए जस्टिस अमित शर्मा की वेकेशन बेंच ने मामले में बार काउंसिल ऑफ इंडिया और दिल्ली यूनिवर्सिटी के डीन स्टूडेंट वेलफेयर को पक्षकार बनाया।

न्यायालय ने निर्देश दिया कि बैठक सभी हितधारकों, यानी डीन स्टूडेंट वेलफेयर, डीन फैकल्टी ऑफ लॉ, याचिकाकर्ताओं में से एक और एमिक्स क्यूरी एडवोकेट राजेश मिश्रा के बीच बुलाई जाए।

न्यायालय ने आदेश दिया,

"बैठक आज से 01 सप्ताह के भीतर पक्षों की आपसी सुविधा के साथ बुलाई जाए।"

इसने निर्देश दिया कि बैठक के संबंध में रिपोर्ट सुनवाई की अगली तारीख 04 जुलाई से पहले रिकॉर्ड पर रखी जाए।

यह याचिका लॉ फैकल्टी में अध्ययनरत तीन स्टूडेंट रौनक खत्री, अंकुर सिंह मावी और उमेश कुमार द्वारा दायर की गई।

उन्होंने यूनिवर्सिटी को नए वाटर कूलर और आरओ प्लांट लगाकर स्वच्छ और सुरक्षित पेयजल उपलब्ध कराने तथा पुराने की मरम्मत करने का निर्देश देने की मांग की।

याचिका में यूनिवर्सिटी को सभी कक्षाओं में एयर कंडीशनर लगाने तथा वाई-फाई राउटर लगाकर या उनकी मरम्मत करके परिसर में इंटरनेट की पहुंच सुनिश्चित करने का निर्देश देने की भी मांग की गई।

उन्होंने परिसर के शौचालयों में पानी की निर्बाध उपलब्धता की भी मांग की।

केस टाइटल- रौनक खत्री एवं अन्य बनाम दिल्ली विश्वविद्यालय एवं अन्य

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