NDTV के पूर्व प्रमोटरों प्रणय रॉय और राधिका रॉय के खिलाफ LOC जारी रखना निरर्थक : दिल्ली हाईकोर्ट

Update: 2025-05-22 12:24 GMT

दिल्ली हाईकोर्ट ने गुरुवार (16 मई) को मौखिक रूप से टिप्पणी की कि NDTV के पूर्व निदेशक और प्रमोटर प्रणय रॉय और राधिका रॉय के खिलाफ केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) द्वारा 2019 में जारी लुकआउट सर्कुलर (LOC) को जारी रखना अब निरर्थक होगा।

जस्टिस सचिन दत्ता ने यह टिप्पणी उस समय की, जब CBI ने LOC का बचाव करते हुए कहा कि इसे रॉय दंपत्ति की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए खुला रखा गया।

कोर्ट ने कहा,

“मैं जुलाई में आपकी बात सुनूंगा। इस मामले में अब कुछ बचा नहीं है... इस LOC को जारी रखना निरर्थक होगा।”

रॉय दंपत्ति की ओर से पेश अधिवक्ता ने कहा कि दोनों ने 2019 में जारी समन का उत्तर दिया था और जांच में सहयोग कोई मुद्दा नहीं रहा।

उन्होंने कहा कि यदि जांच वर्षों तक चलती रहे और समन का पालन किया जाए तो यह बात याचिकाकर्ताओं के पक्ष में जाती है।

उन्होंने यह भी बताया कि रॉय दंपत्ति ने कभी समन से बचने की कोशिश नहीं की और उन्हें कई बार विदेश यात्रा की अनुमति भी मिली।

CBI की ओर से पेश एडवोकेट ने तर्क दिया कि LOC इसलिए जारी की गई थी ताकि रॉय दंपत्ति की गतिविधियों पर नजर रखी जा सके और यह मामला अंतरराष्ट्रीय प्रभाव वाला है।

थोड़ी देर तक दोनों पक्षों को सुनने के बाद कोर्ट ने इस मामले की अगली सुनवाई की तारीख 10 जुलाई तय की।

यह याचिका रॉय दंपत्ति द्वारा LOC के खिलाफ दायर की गई थी जो कि 2 जून 2017 और 19 अगस्त 2019 को दर्ज दो FIRs के आधार पर जारी की गई थी।

इससे पहले जनवरी 2023 में इसी मामले की सुनवाई कर रही एक अन्य पीठ ने टिप्पणी की थी कि LOC को अनिश्चितकाल तक जारी नहीं रखा जा सकता और यह मामला अनवरत नहीं चल सकता।

टाइटल: डॉ. प्रणय रॉय एवं अन्य बनाम भारत संघ एवं अन्य

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