दिल्ली हाईकोर्ट का आदेश: अमेरिकन ड्रीम 11 को सभी सोशल मीडिया पेज हटाने का निर्देश, ड्रीम 11 ट्रेडमार्क उल्लंघन मामला

Update: 2025-11-13 10:21 GMT

दिल्ली हाईकोर्ट ने अमेरिका स्थित फैंटेसी गेमिंग कंपनी अमेरिकन ड्रीम 11 को निर्देश दिया कि वह अपने सभी सोशल मीडिया पेज, प्रोफाइल और अन्य ऑनलाइन माध्यमों से ड्रीम 11 के ट्रेडमार्क का उपयोग बंद करे और संबंधित पेजों को तुरंत हटाए या ब्लॉक करे।

अदालत ने यह आदेश स्पोर्टा टेक्नोलॉजीज़ प्रा. लि. जो भारत में लोकप्रिय फैंटेसी स्पोर्ट्स प्लेटफॉर्म ड्रीम 11 संचालित करती है की याचिका पर सुनवाई के दौरान दिया।

जस्टिस तेजस कारिया की एकल पीठ ने कहा,

“अगली सुनवाई तक प्रतिवादी अपने सभी सोशल मीडिया पेज, प्रोफाइल या किसी भी प्लेटफॉर्म पर ड्रीम11/अमेरिकन ड्रीम 11 नाम के उपयोग को बंद करें या उन्हें हटा दें, जिसमें फेसबुक, एक्स (पूर्व में ट्विटर) लिंक्डइन और इंस्टाग्राम शामिल हैं।”

याचिका के अनुसार स्पोर्टा टेक्नोलॉजीज़ को वर्ष 2025 के मध्य में AmericanDream11.US नामक वेबसाइट के बारे में पता चला जिसका लोगो, लेआउट और यूज़र इंटरफेस ड्रीम 11 से लगभग एक समान था। कंपनी का आरोप था कि यह एक सुनियोजित और क्रमिक प्रयास था ताकि भारतीय उपभोक्ताओं को भ्रमित कर ट्रैफिक को अपनी साइट की ओर मोड़ा जा सके।

स्पोर्टा टेक्नोलॉजीज़ ने 17 जुलाई 2025 को अमेरिकन ड्रीम 11 यूएस को कानूनी नोटिस जारी किया, जिसमें ट्रेडमार्क उल्लंघन का आरोप लगाया गया।

हालांकि 26 जुलाई को प्रतिवादियों ने जवाब दिया कि वे केवल अमेरिका और कनाडा में कार्यरत हैं और भारतीय बाजार को लक्षित नहीं कर रहे।

कंपनी ने अदालत को बताया कि अमेरिकन ड्रीम 11 फैंटेसी स्पोर्ट्स प्रा. लि. नाम से एक नई कंपनी भारत में 22 जुलाई 2025 को ही पंजीकृत की जा चुकी थी यानी उनके जवाब देने से चार दिन पहले।

सुनवाई के दौरान प्रतिवादियों की ओर से कहा गया कि वे भारत में अपनी सभी गतिविधियां बंद कर देंगे और वेबसाइट को भारत से एक्सेस न किया जा सके इसके लिए जियो-ब्लॉकिंग की व्यवस्था करेंगे।

हालांकि अदालत ने यह टिप्पणी की कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स को जियो-ब्लॉक नहीं किया जा सकता, इसलिए पेजों और प्रोफाइलों को पूरी तरह हटाया जाए।

जस्टिस कारिया ने आदेश में दर्ज किया कि प्रतिवादी American Dream11 या ड्रीम 11 से मिलते-जुलते किसी भी नाम, डोमेन, लोगो, ईमेल या अन्य रूप में इसका उपयोग भारत में नहीं करेंगे।

अदालत ने दोनों पक्षों को मध्यस्थता (मेडिएशन) के लिए भी भेजा ताकि वे आपसी सहमति से समाधान निकाल सकें।

इस मामले की अगली सुनवाई 17 नवंबर, 2025 को दिल्ली हाईकोर्ट मध्यस्थता और सुलह केंद्र में होगी।

Tags:    

Similar News