JEE 2025 में गड़बड़ी के आरोप पर दिल्ली हाईकोर्ट ने याचिका खारिज, कहा- तकनीकी त्रुटि न होने पर NTA का रिकॉर्ड मान्य

Update: 2025-09-24 07:14 GMT

दिल्ली हाईकोर्ट ने संयुक्त प्रवेश परीक्षा (JEE) मेन्स 2025 में कथित गड़बड़ी के आरोपों को लेकर दाखिल याचिका खारिज किया। अदालत ने स्पष्ट किया कि जब कोई प्रत्यक्ष तकनीकी त्रुटि सामने नहीं आती तो नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) के आधिकारिक रिकॉर्ड को प्राथमिकता दी जाएगी।

जस्टिस विकास महाजन की सिंगल बेंच ने शशांक शेखर पांडे द्वारा दायर याचिका खारिज करते हुए कहा कि उनके पक्ष में कोई प्रथमदृष्टया मामला नहीं बनता।

पांडे ने अंतिम उत्तर कुंजी में त्रुटियों की समीक्षा और संशोधन की मांग करते हुए JEE (एडवांस्ड) 2025 के लिए रजिस्ट्रेशन की अंतिम तिथि बढ़ाने का निर्देश मांगा था। उन्होंने यह भी आग्रह किया कि NTA पारदर्शी और समयबद्ध शिकायत निवारण तंत्र बनाए तथा एक स्वतंत्र समिति गठित की जाए, जिसमें सीनियर अधिकारी शिक्षाविद और तकनीकी विशेषज्ञ हों ताकि JEE (मेन्स) परीक्षा में कथित गड़बड़ियों और प्रणालीगत खामियों की जांच की जा सके।

याचिकाकर्ता का कहना था कि उत्तर पुस्तिका जमा करने के बाद स्क्रीन पर एक पॉप-अप संदेश दिखा, जिसमें उनके द्वारा प्रयास किए गए प्रश्नों की नंबर 46 और बिना प्रयास किए प्रश्नों की संख्या 29 बताई गई।

वहीं NTA ने इस दावे का खंडन करते हुए कहा कि उसके रिकॉर्ड में पांडे ने केवल 29 प्रश्न ही हल किए और 46 प्रश्न बिना प्रयास किए रह गए। मामले को तकनीकी विशेषज्ञों से फॉरेंसिक विश्लेषण के लिए भेजा गया, जिसमें भी यही पाया गया कि उम्मीदवार ने केवल 29 प्रश्न ही हल किए।

अदालत ने कहा कि याचिकाकर्ता का पूरा मामला केवल उसकी व्यक्तिगत स्मृति पर आधारित है, जबकि NTA का पक्ष ठोस और परीक्षा से जुड़े दिशा-निर्देशों के अनुरूप है। न्यायालय ने यह भी माना कि संभव है कि परीक्षा ऑटो सबमिट हुई हो और ऐसे में कोई सारांश पॉप-अप संदेश दिखने की संभावना नहीं है।

हाईकोर्ट ने कहा,

“याचिकाकर्ता का दावा किसी सबूत से समर्थित नहीं है। इसके विपरीत, NTA द्वारा सुरक्षित आधिकारिक रिकॉर्ड को ही मान्यता दी जाएगी। इस प्रकार, किसी स्पष्ट तकनीकी त्रुटि के अभाव में याचिकाकर्ता के पक्ष में कोई प्रथमदृष्टया मामला नहीं बनता।”

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