हाईकोर्ट का केंद्र सरकार को OTT प्लेटफॉर्म्स पर दिव्यांगजनों के लिए एक्सेसिबिलिटी स्टैंडर्ड्स संबंधी दिशानिर्देशों को जल्द जारी करने का निर्देश
दिल्ली हाईकोर्ट ने सोमवार 19 मई को केंद्र सरकार को निर्देश दिया कि वह दिव्यांगजनों (PwDs) के लिए ओवर-द-टॉप (OTT) प्लेटफॉर्म्स पर एक्सेसिबिलिटी फीचर्स को शामिल करने के संबंध में दिशा-निर्देशों को जारी करने की प्रक्रिया में तेजी लाए।
जस्टिस सचिन दत्ता ने यह आदेश उस याचिका पर सुनवाई करते हुए पारित किया, जिसमें दृष्टिबाधित और श्रवणबाधित व्यक्तियों के लिए ऑडियो डिस्क्रिप्शन, समान भाषा में कैप्शनिंग और भारतीय सांकेतिक भाषा जैसी एक्सेसिबिलिटी सुविधाएं OTT कंटेंट में शामिल करने की मांग की गई थी।
याचिकाकर्ता अक्षत बालद्वा की ओर से वकील राहुल बजाज पेश हुए।
फिल्म निर्माताओं के वकील ने अदालत को सूचित किया कि उन्होंने फिल्म विक्की विद्या का वायरल वीडियो में आवश्यक एक्सेसिबिलिटी फीचर्स शामिल करने के लिए कदम उठाए और यही प्रक्रिया Article 370, The Buckingham Murders, Bhool Bhulaiyaa 3 और Shaitan जैसी अन्य फिल्मों के लिए भी अपनाई जाएगी।
Netflix के वकील ने बताया कि वे फिल्म निर्माताओं के साथ समन्वय कर यह सुनिश्चित करेंगे कि एक्सेसिबिलिटी फीचर्स को फिल्म में शामिल किया जाए। कोर्ट ने Netflix को अपना जवाब दाखिल करने के लिए चार सप्ताह का समय दिया।
फिल्म Stree 2 और Auro Main Kahaan Dum Tha के निर्माता जब यह बताने में सफल रहे कि उन्होंने एक्सेसिबिलिटी से जुड़े निर्देशों का पालन कर लिया तो न्यायालय ने उन्हें पार्टी बनाने से हटाने का निर्देश दे दिया।
अब इस मामले की अगली सुनवाई 17 जुलाई को होगी।
केस टाइटल: अक्षत बालद्वा एवं अन्य बनाम मैडॉक फिल्म्स एवं अन्य