हाईकोर्ट ने मकोका मामले में AAP MLA की जमानत याचिका पर दिल्ली पुलिस से जवाब मांगा

दिल्ली हाईकोर्ट ने सोमवार को आम आदमी पार्टी (AAP) के विधायक (MLA) नरेश बाल्यान द्वारा दायर याचिका पर दिल्ली पुलिस से जवाब मांगा। उन्होंने महाराष्ट्र संगठित अपराध नियंत्रण अधिनियम 1999 के तहत दर्ज एक मामले में जमानत मांगी है।
यह मामला कथित संगठित अपराध से संबंधित है।
जस्टिस विकास महाजन ने बाल्यान की जमानत याचिका पर नोटिस जारी किया और दिल्ली पुलिस को स्टेट्स रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया।
इस मामले की सुनवाई अब 23 जनवरी को होगी।
सीनियर एडवोकेट विकास पाहवा ने बाल्यान की ओर से पेश होकर कहा कि पुलिस के पास गिरफ्तार करने का अधिकार है लेकिन इसके लिए पर्याप्त सबूत भी होने चाहिए।
उन्होंने कहा कि बाल्यान को जमानत देने की तत्काल आवश्यकता है, क्योंकि उन्हें अपनी पत्नी की मदद करनी है जो आगामी विधानसभा चुनाव लड़ रही हैं।
पाहवा ने आगे कहा कि मामले में एक दिन की भी हिरासत की आवश्यकता नहीं है, क्योंकि बाल्यान के खिलाफ कोई अपराध नहीं बनता।
उन्होंने कहा,
"एक दिन की भी हिरासत की जरूरत नहीं है। कोई अपराध नहीं बनता। उनके खिलाफ कोई सबूत नहीं है।"
बाल्यान को पिछले साल 04 दिसंबर को इस मामले में गिरफ्तार किया गया था। उन्हें जबरन वसूली के एक मामले में जमानत मिल चुकी है।
ट्रायल कोर्ट ने 15 जनवरी को मकोका मामले में उन्हें जमानत देने से इनकार कर दिया था। कोर्ट ने यह पाया गया कि उनके पास संगठित अपराध गिरोह से जुड़े होने के पर्याप्त सबूत हैं।
ट्रायल कोर्ट ने कहा कि बाल्यान समूह के सदस्य के रूप में चल रही गैरकानूनी गतिविधियों में सक्रिय रूप से शामिल थे। दिल्ली पुलिस ने सांगवान के गिरोह के सदस्यों के खिलाफ 16 FIR दर्ज की हैं, जिसमें उन पर राष्ट्रीय राजधानी में जबरन वसूली, हिंसा और अन्य आपराधिक गतिविधियों में शामिल होने का आरोप लगाया गया।
अभियोजन पक्ष ने ट्रायल कोर्ट के समक्ष बाल्यान की जमानत याचिका का विरोध करते हुए आरोप लगाया कि वह संगठित अपराध गिरोह में सहयोगी थे।
टाइटल: नरेश बाल्यान बनाम राज्य