दिल्ली हाईकोर्ट ने पुष्कर राज ठाकुर के खिलाफ यूट्यूब वीडियो हटाने का आदेश दिया
दिल्ली हाईकोर्ट ने मंगलवार को वित्तीय शिक्षक और उद्यमी पुष्कर राज ठाकुर के खिलाफ कथित रूप से अपमानजनक यूट्यूब वीडियो हटाने का आदेश दिया।
जस्टिस ज्योति सिंह ने ठाकुर द्वारा दायर मानहानि के मुकदमे में यूट्यूब चैनल "डीक्लटर" के खिलाफ एकपक्षीय अंतरिम निषेधाज्ञा पारित की।
न्यायालय ने प्रतिवादी यूट्यूब चैनल को ठाकुर के खिलाफ चार वीडियो हटाने का निर्देश दिया जो ठाकुर के अनुसार अपमानजनक थे और उनकी प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचा रहे थे।
न्यायालय ने प्रतिवादी को अगली सुनवाई की तारीख तक कोई अन्य समान या समान वीडियो पोस्ट न करने का निर्देश दिया।
सुनवाई के दौरान ठाकुर की ओर से पेश सीनियर वकील ने कहा कि प्रतिवादी वीडियो में ठाकुर को घोटालेबाज और धोखेबाज कह रहा है, जिसकी अनुमति नहीं दी जा सकती।
उन्होंने कहा कि ठाकुर एक अत्यधिक प्रशंसित वित्तीय शिक्षक और उद्यमी हैं। उनके यूट्यूब पर 15 मिलियन सब्सक्राइबर हैं। अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर भी उनके बहुत सारे दर्शक हैं।
ठाकुर ने आरोप लगाया कि प्रतिवादी यूट्यूब चैनल ने उनके खिलाफ मानहानि अभियान चलाया और कई वीडियो बनाए जिनमें से चार को मुकदमे में चुनौती दी गई।
यह प्रस्तुत किया गया कि प्रतिवादी ने आरोपित वीडियो में ठाकुर के खिलाफ निराधार आरोप और मानहानिकारक आरोप लगाए।
मुकदमे में समन और अंतरिम निषेधाज्ञा आवेदन में नोटिस जारी करते हुए न्यायालय ने पाया कि प्रथम दृष्टया सुविधा का संतुलन ठाकुर के पक्ष में था।
न्यायालय ने आदेश दिया कि यदि प्रतिवादी दो दिनों के भीतर वीडियो हटाने की कोई कार्रवाई नहीं करता तो ठाकुर 48 घंटों के भीतर आरोपित वीडियो हटाने के लिए उचित कार्रवाई करने के लिए गूगल को लिखेंगे।
गूगल की ओर से पेश वकील ने कहा कि यदि प्रतिवादी वीडियो नहीं हटाता है तो गूगल द्वारा ऐसा ही किया जाएगा।
यह मामला अब संयुक्त रजिस्ट्रार के समक्ष 03 सितंबर और न्यायालय के समक्ष 14 अक्टूबर को सूचीबद्ध है।
केस टाइटल: पुष्कर राज ठाकुर बनाम गूगल और अन्य