दिल्ली हाईकोर्ट ने DDA उपाध्यक्ष को यमुना नदी तट पर अतिक्रमण और अवैध निर्माण हटाने का निर्देश दिया
दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली विकास प्राधिकरण (DDA) के उपाध्यक्ष को यमुना नदी तट, नदी तल और नदी में बहने वाले नालों पर सभी अतिक्रमण और अवैध निर्माण हटाने का निर्देश दिया।
एक्टिंग चीफ जस्टिस मनमोहन और जस्टिस तुषार राव गेडेला की खंडपीठ ने उपाध्यक्ष को इस कार्य को करने के लिए नोडल अधिकारी नियुक्त किया है।
न्यायालय ने अधिकारी को दिल्ली नगर निगम (MCD), दिल्ली पुलिस, DMRC, PWD, दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और वन विभाग के अधिकारियों के साथ समन्वय करने का निर्देश दिया।
न्यायालय ने 08 जुलाई को पारित आदेश में कहा,
“DDA के उपाध्यक्ष एक सप्ताह के भीतर सभी संबंधित अधिकारियों की बैठक बुलाएंगे।"
पीठ ने शबनम बर्नी द्वारा दायर याचिका का निपटारा किया, जिसमें यमुना नदी तट पर किए गए अनधिकृत निर्माण को ध्वस्त करने की मांग की गई। याचिका में शहर के अधिकारियों को निकट भविष्य में यमुना नदी तट और बाढ़ के मैदानों पर अवैध निर्माण को रोकने के लिए कदम उठाने का निर्देश देने की मांग की गई।
दिल्ली सरकार और दिल्ली पुलिस की ओर से पेश हुए वकील ने कहा कि यमुना नदी तट पर अवैध और अनधिकृत निर्माण के संबंध में कई अभ्यावेदन DDA और MCD को आवश्यक और उचित कार्रवाई के लिए भेजे गए।
MCD के वकील ने कहा कि मामले में तत्काल कार्रवाई की आवश्यकता है और DDA के उपाध्यक्ष को नोडल अधिकारी नियुक्त किया जा सकता है। उन्हें यमुना नदी तट, नदी तल और बाढ़ के मैदानों पर सभी अवैध और अनधिकृत निर्माण के साथ-साथ अतिक्रमण को हटाने का निर्देश दिया जा सकता है।
अदालत ने कहा,
"उपर्युक्त को ध्यान में रखते हुए यह अदालत DDA के उपाध्यक्ष को यमुना नदी के तट, नदी तल और यमुना नदी में बहने वाले नालों पर सभी अतिक्रमण और अवैध निर्माण को हटाने का निर्देश देती है।"
मामले का निपटारा करते हुए अदालत ने उपाध्यक्ष को छह सप्ताह के भीतर कार्रवाई रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया।
केस टाइटल- शबनम बर्नी बनाम भारत संघ और अन्य