दिल्ली हाईकोर्ट ने MCOCA Case में आरोपी AAP MLA को कस्टडी पैरोल देने से किया इनकार

दिल्ली हाईकोर्ट ने बुधवार (29 जनवरी) को आम आदमी पार्टी (AAP) के विधायक (MLA) नरेश बाल्यान को कस्टडी पैरोल देने से इनकार कर दिया, जिन पर महाराष्ट्र संगठित अपराध नियंत्रण अधिनियम 1999 (MCOCA Act) के तहत दर्ज मामले में मामला दर्ज किया गया, जो एक कथित संगठित अपराध से संबंधित है।
बाल्यान ने इस आधार पर हिरासत पैरोल मांगी थी कि उनकी पत्नी राजनीति में किसी पूर्व अनुभव के बिना आगामी दिल्ली विधानसभा चुनाव लड़ रही हैं।
जस्टिस विकास महाजन ने बाल्यान को कस्टडी पैरोल देने से इनकार कर दिया। कहा कि उनका मामला दंगों के आरोपी ताहिर हुसैन के मामले से अलग है।
बाल्यान की नियमित जमानत याचिका पर 30 जनवरी को सुनवाई होगी।
बाल्यान ने 2020 के उत्तर पूर्वी दिल्ली दंगों के आरोपी ताहिर हुसैन को चुनाव लड़ने के लिए हिरासत पैरोल देने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले का हवाला दिया था।
दिल्ली पुलिस ने इस आधार पर याचिका का विरोध किया कि आरोपी बालयान नहीं बल्कि उसकी पत्नी ही आरोपी है और मामले की जांच चल रही है। बालयान को पिछले साल 4 दिसंबर को इस मामले में गिरफ्तार किया गया था। उसे जबरन वसूली के एक मामले में जमानत मिल चुकी है।
ट्रायल कोर्ट ने 15 जनवरी को MCOCA Case में उसे जमानत देने से इनकार कर दिया। यह पाया गया कि उसके खिलाफ संगठित अपराध गिरोह से जुड़े होने के पर्याप्त सबूत हैं। ट्रायल कोर्ट ने कहा कि बालयान समूह के सदस्य के रूप में चल रही गैरकानूनी गतिविधियों में सक्रिय रूप से शामिल था। दिल्ली पुलिस ने सांगवान के गिरोह के सदस्यों के खिलाफ 16 FIR दर्ज की, जिसमें उन पर राष्ट्रीय राजधानी में जबरन वसूली, हिंसा और अन्य आपराधिक गतिविधियों में शामिल होने का आरोप लगाया गया।
अभियोजन पक्ष ने ट्रायल कोर्ट के समक्ष बालयान की जमानत याचिका का विरोध करते हुए आरोप लगाया था कि वह संगठित अपराध गिरोह में सहयोगी था।
केस टाइटल: नरेश बालयान बनाम राज्य