अवैध निर्माण के लिए बुक की गई प्रॉपर्टीज़ को सील होने तक बिजली सप्लाई पर कोई रोक नहीं: दिल्ली हाईकोर्ट
दिल्ली हाईकोर्ट ने नेशनल कैपिटल में बिजली डिस्ट्रीब्यूशन के लिए ज़िम्मेदार BSES यमुना पावर लिमिटेड को निर्देश दिया कि वह अवैध निर्माण के लिए बुक की गई प्रॉपर्टीज़ को तब तक बिजली सप्लाई करे, जब तक MCD उन प्रॉपर्टीज़ के खिलाफ असल में कार्रवाई नहीं करता।
जस्टिस मिनी पुष्करणा ने देखा कि अक्सर डिमोलिशन ऑर्डर पास होने के बावजूद MCD ज़रूरी कार्रवाई नहीं करता। इस बीच बिजली सप्लाई बंद करने से बिजली चोरी हो सकती है और कभी-कभी लोगों की सुरक्षा को भी खतरा हो सकता है।
बेंच BSES द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई कर रही थी जिसमें एक कंज्यूमर फोरम के उस आदेश को चुनौती दी गई, जिसमें उसे अवैध निर्माण के लिए बुक किए गए परिसरों को कनेक्शन देने के लिए कहा गया।
कोर्ट ने कहा,
“याचिकाकर्ता कंपनी को ऐसे परिसरों में बिजली कनेक्शन देने या जारी रखने में कोई रुकावट नहीं है, जहां ऐसे परिसर अवैध निर्माण के लिए बुक किए गए। हालांकि जब भी MCD अवैध निर्माण के लिए बुक की गई ऐसी प्रॉपर्टीज़ के खिलाफ कोई ज़बरदस्ती वाली कार्रवाई करता है तो MCD इस संबंध में संबंधित बिजली कंपनियों को ठीक से सूचित करेगा। जब भी MCD द्वारा ऐसा अनुरोध या निर्देश दिया जाएगा, बिजली कंपनी बिजली कनेक्शन काटने के लिए स्वतंत्र होगी।”
हाईकोर्ट ने ऐसे उदाहरण बताए, जहां अवैध निर्माण के लिए प्रॉपर्टी बुक करने के बावजूद MCD कार्रवाई नहीं करता है-
1. जब प्रॉपर्टी के मालिक/किराएदार अपीलेट ट्रिब्यूनल MCD से स्टे ऑर्डर प्राप्त करते हैं।
2. जब प्रॉपर्टी के मालिक/किराएदार अवैध निर्माण को रेगुलराइज़ करने के लिए आवेदन करते हैं।
3. जब कथित अवैध निर्माण नेशनल कैपिटल टेरिटरी ऑफ़ दिल्ली लॉज़ (स्पेशल प्रोविज़न्स) सेकंड एक्ट, 2011 द्वारा सुरक्षित होता है।
4. जब प्रॉपर्टी बुक करने में प्रक्रियात्मक खामियां होती हैं, जैसे शो कॉज़ नोटिस का न मिलना, आदि, और मामलों को नए सिरे से विचार करने के लिए MCD को वापस भेज दिया जाता है।
5. जब पुलिस बल की अनुपलब्धता या आम जनता के कड़े विरोध के कारण ज़बरदस्ती वाली कार्रवाई संभव नहीं होती है।
कोर्ट ने कहा,
“ऐसी परिस्थितियों में जहां प्रॉपर्टीज़ विभिन्न निवासियों द्वारा कब्ज़े में रहती हैं, यह कोर्ट CGRF के उस निर्देश में कोई गलती नहीं पाता कि ऐसे अवैध निर्माण के खिलाफ कार्रवाई लंबित रहने तक, इस बीच बिजली कनेक्शन दिया जाए।"
इसमें आगे कहा गया,
“यह कोर्ट इस बात से अनजान नहीं रह सकता कि जब प्रॉपर्टीज़ पर कब्ज़ा होता है और बिजली का कनेक्शन नहीं दिया जाता तो बिजली का अनाधिकृत इस्तेमाल हो सकता है। ऐसे मामलों में बिजली के अनाधिकृत इस्तेमाल से बिजली चोरी के मामले होते हैं, जिन्हें रोका जाना चाहिए बिजली चोरी और बिजली के अनाधिकृत इस्तेमाल का कोई भी मामला लोगों की सुरक्षा के लिए बेवजह और टाला जा सकने वाला खतरा भी पैदा करेगा।”