हाईकोर्ट ने BJP सांसद बांसुरी स्वराज के निर्वाचन को चुनौती देने वाली AAP नेता सोमनाथ भारती की याचिका पर नोटिस जारी किया

Update: 2024-08-14 12:00 GMT

दिल्ली हाईकोर्ट ने बुधवार को भारतीय जनता पार्टी (BJP) सांसद बांसुरी स्वराज को आम आदमी पार्टी (AAP) के नेता सोमनाथ भारती द्वारा नई दिल्ली संसदीय क्षेत्र से उनके निर्वाचन को भ्रष्ट आचरण' के आधार पर चुनौती देने वाली याचिका पर नोटिस जारी किया।

जस्टिस मनमीत प्रीतम सिंह अरोड़ा ने स्वराज को 30 दिनों के भीतर याचिका पर जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया।

हालांकि, अदालत ने बहुजन समाज पार्टी (BSP) के उम्मीदवार राज कुमार आनंद को पार्टियों की सूची से हटा दिया, जिन पर भारती ने आरोप लगाया कि BJP ने स्वराज को भारती के खिलाफ जीतने में मदद करने के लिए उन्हें खड़ा किया।

भारती ने आरोप लगाया कि आनंद को चुनाव लड़ने के लिए मजबूर किया गया, जिससे वोट बंट जाएं और वे AAP विधायक के पक्ष में पड़ जाएं। उन्होंने दावा किया कि आनंद राष्ट्रीय राजधानी में आप सरकार में मंत्री थे। 09 अप्रैल तक उनके लिए प्रचार में सक्रिय थे लेकिन उन्होंने 10 अप्रैल को अचानक पार्टी से इस्तीफा दे दिया।

अदालत ने कहा कि वह भारती के तर्क को समझने में असमर्थ है, क्योंकि चुनाव के बाद प्रकाशित परिणामों में आनंद के पक्ष में 5269 वोट पड़े थे।

जस्टिस अरोड़ा ने कहा कि अगर आनंद के सभी वोट भारती के पक्ष में होते तो भी AAP नेता स्वराज से हार जाते।

अदालत ने कहा कि आनंद के खिलाफ कोई कार्रवाई का कारण नहीं बनता। इसलिए उन्हें प्रतिवादी के रूप में हटा दिया गया।

अन्य प्रतिवादियों में से रिटर्निंग अधिकारी, अदालत में मौजूद थे। उन्होंने इस आधार पर मामले में उनके पक्षकार होने का विरोध किया कि जनप्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 82 के अनुसार न तो वे आवश्यक थे और न ही उचित पक्षकार थे।

हालांकि, भारती की ओर से पेश सीनियर एडवोकेट केसी मित्तल ने कहा कि अभिलेखों को सुरक्षित रखने के लिए रिटर्निंग अधिकारी की उपस्थिति आवश्यक हो सकती है।

रिटर्निंग अधिकारी ने कहा कि वह चुनाव याचिका के लंबित रहने के दौरान EVM और VVPAT जारी करने के बारे में दलीलें देना चाहेंगे। तदनुसार, अदालत ने EVM और VVPAT जारी करने के मुद्दे को निर्धारित करने के सीमित बिंदु पर मामले की सुनवाई मंगलवार को निर्धारित की।

चुनाव याचिका में आरोप लगाया गया कि चुनाव के दिन भारती यह देखकर हैरान रह गईं कि स्वराज के बूथ एजेंटों के पास उनके मतपत्र संख्या, फोटो, चुनाव चिह्न और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की फोटो वाले पर्चे थे और वे मतदाताओं को वही दिखा रहे थे। उनसे उनके मतपत्र के लिए मतदान करने के लिए कह रहे थे। भारती के अनुसार, ऐसा कृत्य भ्रष्ट आचरण के योग्य है।

कई लोगों ने देखा कि कुछ BJP कार्यकर्ता इलाके के कुछ निवासियों को पैसे और साड़ी और सूट जैसी सामग्री बांट रहे थे। वे घर-घर जाकर घर के नंबर, उस घर में रहने वाले मतदाताओं और उनके पास मौजूद मतदाता सूची की जांच कर रहे थे।

याचिका में कहा गया कि प्रत्येक घर में मतदाताओं के बारे में खुद को संतुष्ट करने के बाद उक्त व्यक्ति मतदाता सूची में नाम अंकित कर रहे थे। इसमें कहा गया कि BJP का पूरा चुनाव अभियान और खास तौर पर उनका अभियान धार्मिक प्रकृति का था और धर्म के आधार पर वोट मांगे गए।

इसमें कहा गया कि प्रतिवादी नंबर 1 के भाषणों से पता चलता है कि उन्होंने अपने भाषणों में ऐसी भाषा बोली, जो मतदाताओं को धर्म के आधार पर विभाजित करने के लिए थी। भारती ने कानून के अनुसार छह साल की अवधि के लिए किसी भी राज्य विधानसभा या संसद के लिए कोई भी चुनाव लड़ने से स्वराज को अयोग्य ठहराने की मांग की है।

केस टाइटल- सोमनाथ भारती बनाम बांसुरी स्वराज और अन्य

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