दिल्ली हाईकोर्ट ने AAP के लॉ-प्रमुख संजीव नसियार को BCD उपाध्यक्ष पद से हटाने के BCI के फैसले पर रोक लगाई
दिल्ली हाईकोर्ट ने एडवोकेट संजीव नसियार को उनकी विधि डिग्री की प्रामाणिकता की जांच पूरी होने तक बार काउंसिल ऑफ इंडिया (BCI) के दिल्ली बार काउंसिल (BCD) के उपाध्यक्ष पद से हटाने के फैसले पर रोक लगाई।
जस्टिस संजीव नरूला ने BCI द्वारा 7 दिसंबर को पारित प्रस्ताव को चुनौती देने वाली नसियार की याचिका पर यह आदेश पारित किया। मामले की अगली सुनवाई 21 जनवरी 2025 को तय की।
नसियार ने देवी अहिल्या बाई यूनिवर्सिटी इंदौर से लॉ की डिग्री प्राप्त की है। वह आम आदमी पार्टी (AAP) लॉ प्रकोष्ठ के अध्यक्ष भी हैं।
BCI ने अपने प्रस्ताव में कहा कि उसके द्वारा गठित उप-समिति ने गहन जांच के बाद निष्कर्ष निकाला कि संजीव नसियार की एलएलबी (ऑनर्स) डिग्री की प्रामाणिकता अत्यधिक संदिग्ध है।
इसमें कहा गया कि वकीलों के निकाय की आम परिषद ने समिति की रिपोर्ट को अपनाने का प्रस्ताव पारित किया और BCI सचिव को निर्देश दिया गया कि वह BCI से संपर्क करें। डिग्री की प्रामाणिकता की जांच करने का अनुरोध करें। इसमें आगे कहा गया कि जांच के नतीजे आने तक संजीव नासियार को बार काउंसिल ऑफ दिल्ली (BCD) के उपाध्यक्ष पद से हटा दिया जाता है।
नासियार की ओर से सीनियर एडवोकेट विकास पाहवा पेश हुए। सीनियर एडवोकेट कीर्तिमान सिंह और एडवोकेट टी सिंहदेव ने BCI का प्रतिनिधित्व किया।
BCI की प्रेस रिलीज में कहा गया कि नासियार को हटाने का निर्णय कानूनी पेशे की अखंडता और गरिमा की रक्षा करने और इसमें जनता का विश्वास सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक था।
इसमें कहा गया,
"BCI कानूनी पेशे की प्रतिष्ठा और सम्मान को बनाए रखने के लिए ईमानदार है। इसकी पवित्रता को बनाए रखने के अपने संकल्प में दृढ़ है, जिससे यह सुनिश्चित किया जा सके कि केवल नैतिकता और योग्यता के उच्चतम मानकों को पूरा करने वालों को ही भारत में कानून का अभ्यास करने की अनुमति दी जाए।"