इससे अधिक गंभीर कुछ नहीं: नाबालिग बेटी से रेप के आरोपी पिता की जमानत दिल्ली हाईकोर्ट ने रद्द की

Update: 2025-09-19 10:00 GMT

दिल्ली हाईकोर्ट ने व्यक्ति की जमानत रद्द की, जिस पर कई वर्षों तक अपनी नाबालिग बेटी के साथ बार-बार दुष्कर्म करने, उसे पोर्न देखने के लिए मजबूर करने और उसकी मां को उसके सामने गाली देकर डराने का आरोप है।

जस्टिस नीना बंसल कृष्णा ने कहा, 

"किसी बच्चे के लिए इससे अधिक गंभीर कुछ नहीं हो सकता कि जिस पिता ने उसे जन्म दिया और जिसकी पवित्र जिम्मेदारी उसकी सुरक्षा सुनिश्चित करने की है वही उसका शोषण करे।"

अदालत ने कहा कि सेशन कोर्ट ने इतने गंभीर मामले में गिरफ्तारी के मात्र नौ दिन के भीतर जमानत देकर खुद को गलत दिशा में निर्देशित किया।

अदालत ने पाया कि पीड़िता के आरोप न केवल गंभीर हैं बल्कि आरोपी के मोबाइल फोन से बरामद हुए वीडियो से भी उनके दावों की पुष्टि होती है। पीड़िता ने 10 साल की उम्र से ही यौन शोषण का शिकार होने का आरोप लगाया है। उसने 2021 में हिम्मत जुटाकर शिकायत दर्ज कराई, जब वह और उसकी मां आरोपी से अलग हो गए।

आरोपी-पिता ने यह तर्क दिया कि उसकी बेटी को उनकी पत्नी ने वैवाहिक विवाद में फायदा उठाने के लिए सिखाया-पढ़ा कर शिकायत करवाई है। हालांकि, हाईकोर्ट ने इस तर्क को खारिज कर दिया। अदालत ने कहा कि शिकायत में घटनाओं का विस्तृत विवरण है। इसे केवल वैवाहिक विवाद का परिणाम बताकर अनदेखा नहीं किया जा सकता।

अदालत ने कहा कि मोबाइल फोन की एफएसएल (FSL) रिपोर्ट से आरोपों की पुष्टि होती है, जिसमें अश्लील वीडियो मिले हैं। 

अदालत ने कहा, 

"यह बेहद चौंकाने वाला और विकृत कृत्य है, यदि पिता के ऐसे कृत्य सही पाए जाते हैं।" 

कोर्ट ने यह भी कहा कि सिर्फ छह दिनों में यह कहते हुए जमानत दे देना कि जांच पूरी हो चुकी है। पूरी तरह से गलत था जबकि स्टेटस रिपोर्ट में पता चला कि जांच अभी भी चल रही थी।

हाईकोर्ट ने आरोपी की जमानत रद्द कर दी और उसे सात दिन के भीतर सेशन कोर्ट के सामने आत्मसमर्पण करने का निर्देश दिया।

Tags:    

Similar News