राज्य सरकार अपने क्षेत्र में कार्यरत IPS/IAS अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई कर सकती है: केंद्र सरकार ने कलकत्ता हाईकोर्ट में बताया

Update: 2024-11-21 09:18 GMT

केंद्र सरकार की ओर से पेश एडिशनल सॉलिसिटर जनरल अशोक कुमार चक्रवर्ती ने गुरुवार को कलकत्ता हाईकोर्ट को बताया कि कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग विभिन्न राज्यों में तैनात IPS/IAS/IFS अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए सक्षम प्राधिकारी नहीं है।

एएसजी ने चीफ जस्टिस टीएस शिवगनम और जस्टिस हिरणमय भट्टाचार्य की खंडपीठ को गृह मंत्रालय द्वारा 24 अक्टूबर को जारी सर्कुलर प्रस्तुत किया।

यह प्रस्तुत किया गया कि ऐसे मामलों में जहां IPS/IAS या IFS अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई की जानी है, वह राज्य जिसमें वह अधिकारी कार्यरत है, ऐसी कार्रवाई करने के लिए सक्षम होगा।

ये घटनाक्रम पूर्व पुलिस आयुक्त विनीत गोयल के खिलाफ कार्रवाई की मांग करने वाली याचिका में सामने आए, जिन्होंने कथित तौर पर आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में क्रूरतापूर्वक बलात्कार और हत्या करने वाली ट्रेनी डॉक्टर का नाम उजागर किया।

यह प्रस्तुत किया गया कि यौन उत्पीड़न पीड़ितों की गोपनीयता बनाए रखने के लिए सुप्रीम कोर्ट द्वारा स्पष्ट निर्देशों के बावजूद तत्कालीन पुलिस आयुक्त ने पीड़िता का नाम उजागर किया, जिसके परिणामस्वरूप कर्तव्य की उपेक्षा हुई।

कोर्ट ने यूनियन की दलीलों को रिकॉर्ड में लिया और प्रतिवादियों को विरोध में अपने हलफनामे दाखिल करने का निर्देश दिया।

अगली सुनवाई 23 दिसंबर के लिए सूचीबद्ध की गई।

केस टाइटल: अनामिका पांडे बनाम विनीत कुमार गोयल और अन्य

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