छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने पुल के रास्ते को अवरुद्ध करने पर लिया स्वत: संज्ञान, कहा- अतिक्रमणकारी राज्य को सीधी चुनौती दे रहे हैं

Update: 2025-10-18 08:17 GMT

छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने एक हिंदी दैनिक में प्रकाशित समाचार पर स्वत: संज्ञान लिया, जिसमें बताया गया म कि दयालबंद पुल के नीचे रहने वाले 15 परिवारों के लिए इस्तेमाल होने वाले चिह्नित फुटपाथ को कुछ लोगों ने अवरुद्ध कर दिया। ये लोग पहले वह ज़मीन खरीदने में विफल रहे थे और उन्होंने अब वहां एक लोहे का गेट और दीवार खड़ी कर दी, जिस पर एक धमकी भरा नोट भी चिपका है कि उस रास्ते से गुजरने वालों को 'उचित उपचार' दिया जाएगा।

चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा और जस्टिस बिभू दत्ता गुरु की खंडपीठ ने इन व्यक्तियों द्वारा अपनाई गई बाहुबल की रणनीति पर कड़ी नाराज़गी व्यक्त की।

कोर्ट ने टिप्पणी की,

"दीवार पर लिखा संदेश वस्तुतः राज्य के अधिकार के लिए एक सीधी चुनौती है, क्योंकि किसी भी व्यक्ति को कानून अपने हाथ में लेने की अनुमति नहीं है।"

समाचार रिपोर्ट में बताया गया कि पुल अवरुद्ध होने के कारण प्रभावित परिवारों को काफी असुविधा हो रही थी। स्थिति इतनी गंभीर थी कि बच्चों को स्कूल ले जाने के लिए पुल के नीचे की नदी पार करते समय कंधों पर उठाना पड़ता था। बाइक तथा अन्य वाहनों को मुख्य सड़क या दुकानों पर खड़ा करना पड़ता था, क्योंकि नदी के कारण वाहन चलाना मुश्किल हो जाता था। बीमारी या आपातकाल की स्थिति में यह कठिनाई और बढ़ जाती थी।

कोर्ट ने प्रकाशित तस्वीरों का भी हवाला दिया। एक तस्वीर में माता-पिता को अपने छोटे बच्चों को स्कूल ले जाने के लिए झाड़ियों से भरी अनुपयुक्त सड़क से कंधे पर ले जाते हुए दिखाया गया था। दूसरी तस्वीर में महिलाओं को अपने बच्चों के साथ नदी के बीच से चलते हुए दिखाया गया और तीसरी तस्वीर में एक महिला को धमकाने वाला संदेश चिपके हुए बंद गेट को फांदकर रास्ता पार करते हुए दिखाया गया।

रिपोर्ट में यह भी खुलासा हुआ कि प्रभावित निवासियों की शिकायत के बाद राजस्व विभाग ने निरीक्षण किया और एक पंचनामा तैयार किया, जिसमें पाया गया कि प्रभावित निवासी वर्षों से उक्त फुटपाथ का उपयोग कर रहे थे, जो दयालबंद सड़क तक जाता है।

इसके परिणामस्वरूप कोर्ट ने जिला मजिस्ट्रेट बिलासपुर को व्यक्तिगत हलफनामा दायर करने का निर्देश दिया। इस हलफनामे में उन व्यक्तियों के खिलाफ जिला प्रशासन द्वारा उठाए गए कदमों का विवरण देना होगा, जिन्होंने दीवार खड़ी करके फुटपाथ को अवरुद्ध किया।

अब इस मामले की अगली सुनवाई 28 अक्टूबर, 2025 को होगी।

Tags:    

Similar News