मुफ्त कानूनी सहायता कैसे ली जाए? जानिए क्या हैं प्रावधान (वीडियो)

Update: 2022-08-10 14:53 GMT

किसी भी व्यक्ति को अपने जीवन काल में कई दफा अदालत का काम पड़ता है। कई लोगों पर आपराधिक प्रकरण बना दिए जाते हैं और कई लोग अपने सिविल प्रकरण लेकर अदालत के समक्ष उपस्थित होते हैं। भारत की कानूनी प्रक्रिया अत्यंत विशद है।

ऐसे में कोई भी आम व्यक्ति इस प्रक्रिया को समझ नहीं सकता है। कानूनी बारीकियों को केवल कोई वकील ही समझ सकता है। फिर किसी व्यक्ति पर यदि कोई आपराधिक प्रकरण बनाया गया है तब ऐसे अपराधिक प्रकरण में सरकार की ओर से सरकारी वकील पर भी करते हैं। एक वकील का सामना वकील ही कर सकता है, आम आदमी स्वयं अपना मुकदमा अदालत में नहीं लड़ सकता। उसे वकील की आवश्यकता होती ही है। वकीलों की सेवाएं महंगी सेवाओं में से एक है।

अब प्रश्न यह आता है कि अगर वकीलों की सेवाएं महंगी है तब गरीब लोगों को कानूनी सहायता कैसे मिल पाएगी?

भारत सरकार ने और भारत के सुप्रीम कोर्ट ने इस समस्या से निपटने के लिए विधिक सेवा प्राधिकरण नाम का एक विभाग बनाया है। इसका निर्माण सन 1997 में किया गया था। जब गरीब लोगों को मुफ्त कानूनी सहायता देने की घोषणा की गई।

विधिक सेवा प्राधिकरण से सहायता प्राप्त करने के लिए कुछ प्रक्रिया है। कुछ पात्रता बताई गई है जिसके दायरे में आने वाले व्यक्तियों को ही विधिक सेवा प्राधिकरण की सेवाएं प्राप्त होती हैं। इस प्राधिकरण से सेवा प्राप्त करने के लिए दो श्रेणी के लोगों को रखा गया है।

जानिए कैसे मिल सकती है मुफ्त कानूनी सहायता


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