इस संवाद का मुख्य उद्देश्य, संविधानिक साक्षरता की रिक्तता ( गैप) को गैर अंग्रेज़ी भाषाओं में लाकर संविधान की पहुंच को व्यापक बनाना है । इस सीरीज को विभिन्न भाषाओं में उपलब्ध कराकर कानूनी भाषा की तकनीकी चुनौती को दूर करना है।
प्रोफेसर खेतान ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय वाधाम कॉलेज में प्रोफेसर एवम् संविधानिक स्कॉलर भी हैं । इस सीरीज की होस्ट विधि शोधार्थी सुरभि कारवां हैं, जो कानून के मुद्दे पर मुखरता से लिखती पढ़ती रही हैं।
साथ राजेश रंजन हैं, जो सोशियो लीगल लिटरेरी के संस्थापक हैं। सीरीज के पहले एपिसोड में नीति निर्देशक तत्व ,उनकी महत्ता , संविधान बनने की प्रकिया में उन पर विमर्शों पर बातचीत की गई है।
यह संविधान संवाद लाइव लॉ के माध्यम से आप तक पहुंच रहा है, जिसके लिए हम उनके विशेष आभारी हैं।
संविधान संवाद : एपिसोड -1