सार्वजनिक स्थानों और सरकारी कार्यालयों में अनाधिकृत होर्डिंग्स और राजनेताओं के विज्ञापनों के खिलाफ त्वरित कार्रवाई करें: कर्नाटक हाईकोर्ट ने राज्य से कहा
कर्नाटक हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को अनाधिकृत विज्ञापनों, होर्डिंग्स, राजनीतिक व्यक्तियों और नेताओं को प्रदर्शित करने वाले बोर्डों को हटाने और सरकारी परियोजनाओं से संबंधित विज्ञापनों से राजनीतिक व्यक्तियों की तस्वीरों को हटाने के लिए त्वरित कार्रवाई करने का निर्देश दिया।
वर्तमान कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश सतीश चंद्र शर्मा और न्यायमूर्ति सचिन शंकर मगदुम की खंडपीठ ने कहा,
"प्रतिवादी राज्य को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया जाता है कि भविष्य में भी सार्वजनिक स्थानों पर और साथ ही विभिन्न सरकारी परियोजनाओं के संबंध में कोई डिस्प्ले बोर्ड, अनधिकृत विज्ञापन, होर्डिंग प्रदर्शित नहीं किए जाए। सरकार को इस मामले में त्वरित कार्रवाई करने का निर्देश दिया जाता है। इस संबंध में माननीय सुप्रीम कोर्ट द्वारा डब्ल्यूपी (सिविल) संख्या 13/2003, 197/2004 और 302/2012 (कॉमन कॉज बनाम यूनियन ऑफ इंडिया) में पारित आदेशों को ध्यान में रखते हुए निर्देश लागू किए जाए।"
कॉमन कॉज (सुप्रा) के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने विज्ञापन आदि के साथ सरकारी पदाधिकारियों और राजनीतिक नेताओं की तस्वीरों के प्रकाशन पर प्रतिबंधित लगा दिया था।
एचएम वेंकटेश द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई के दौरान राज्य सरकार ने हाईकोर्ट को सूचित किया गया कि राज्य ने उपरोक्त निर्देशों का पालन करने के लिए पहले ही विभिन्न कदम उठाए हैं और सचिव, कर्नाटक सरकार, शहरी विकास विभाग की अध्यक्षता में हुई बैठक में और बीबीएमपी सहित राज्य के सभी वैधानिक निकायों को ऐसे सभी अनधिकृत होर्डिंग हटाने के निर्देश जारी किए गए।
साथ ही बताया गया कि इस वर्ष अगस्त माह में सभी स्थानीय निकायों को इसका कड़ाई से पालन करने तथा जनप्रतिनिधियों के फोटो हटाने का सर्कुलर जारी किया गया था।
इसके बाद अदालत ने कहा,
"राज्य सरकार की अनुपालन रिपोर्ट और कार्रवाई जो पहले ही शुरू की जा चुकी है, के आलोक में वर्तमान जनहित याचिका में आगे कोई आदेश पारित करने की आवश्यकता नहीं है।"
तदनुसार, हाईकोर्ट ने याचिका का निपटारा कर दिया।
हाल ही में केरल हाईकोर्ट में एक याचिका दायर कर नागरिकों को जारी किए गए COVID-19 वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तस्वीर हटाने की मांग की गई है।
केस शीर्षक: एच एम वेंकटेश बनाम कर्नाटक राज्य
केस नंबर: WP 7135/2021
आदेश की तिथि: 17 सितंबर, 2021।
उपस्थिति: पी चिदानंद, अधिवक्ता; आर1, 2 के लिए एडवोकेट वी श्रीनिधि; R3 के लिए एडवोकेट एच देवेंद्रप्पा।
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