दिल्ली हाईकोर्ट में रविवार को सुनवाई : डीएचसीबीए चुनाव पूर्वनिर्धारित कार्यक्रम के अनुसार होंगे, ईवीएम के लिए वैकल्पिक स्रोतों पर विचार किया जाएगा

Update: 2022-09-11 12:06 GMT

दिल्ली हाईकोर्ट में रविवार की एक विशेष सुनवाई में दिल्ली हाईकोर्ट बार एसोसिएशन (डीएचसीबीए) के चुनाव आयोग ने दिल्ली हाईकोर्ट को सूचित किया कि उसने हाईकोर्ट बार एसोसिएशन2022 के चुनावों को एक सप्ताह की अवधि के लिए स्थगित करने के अपने फैसले को रद्द करने का प्रस्ताव पारित लिया है। ये चुनाव 28 सितंबर को होना है।

जस्टिस संजीव नरूला की एकल न्यायाधीश की पीठ दिल्ली हाईकोर्ट बार एसोसिएशन द्वारा 28 सितंबर को होने वाले चुनाव को स्थगित करने के खिलाफ दायर एक याचिका पर सुनवाई कर रही थी, तब यह घटनाक्रम हुआ।

दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) डीएचसीबीए के साथ-साथ दिल्ली के अन्य बार एसोसिएशनों के चुनाव कराने के लिए ईवीएम उपलब्ध कराता रहा है।

कोर्ट को डीएचसीबीए के चुनाव आयोग ने यह भी सूचित किया कि वह ईवीएम प्राप्त करने के लिए सभी वैकल्पिक स्रोतों का पता लगाएगा। बार एसोसिएशन के समन्वय में चुनाव कार्यक्रम के अनुसार आयोजित किया जाएगा।

यह स्पष्ट किया गया कि नामांकन पत्र दाखिल करने की तारीख 12 सितंबर के बजाय 13 सितंबर होगी क्योंकि यह प्रिंटेड नहीं थी।

एसोसिएशन के चुनाव आयोग ने अदालत को यह भी बताया कि यदि एक सप्ताह के भीतर ईवीएम का कोई वैकल्पिक स्रोत उपलब्ध नहीं होता है, तो चुनाव स्थगित करने का उसका 10 सितंबर का निर्णय तब तक कायम रहेगा जब तक कि ईवीएम की व्यवस्था नहीं हो जाती।

डीएचसीबीए के चुनाव आयोग द्वारा लिए गए फैसले पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने कहा:

"चुनाव आयोग के उपरोक्त निर्णय के मद्देनज़र चुनाव वर्तमान में अपने पूर्वनिर्धारित समय पर वापस आ गया है।"

DHCBA ने दिल्ली विश्वविद्यालय के 8 सितंबर के पत्र को चुनौती दी है जिसमें कहा गया है कि आगामी चुनावों के लिए ईवीएम उपलब्ध कराने से पहले 2019 DHCBA चुनावों से संबंधित 1,10,29,948 रुपये का बकाया है।

तदनुसार, 10 सितंबर को, डीएचसीबीए ने प्रस्ताव पारित किया कि चूंकि इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनें उपलब्ध नहीं हैं और इसे अन्य स्रोतों से व्यवस्थित करने में कुछ समय लगेगा, इसलिए शेड्यूल के अनुसार डीएचसीबीए 2022 चुनाव आयोजित करना संभव नहीं होगा। अगली सूचना तक चुनाव स्थगित रहेंगे।

इस प्रकार याचिका यह कहती है कि दिल्ली विश्वविद्यालय की अवैध अनुचित और मनमानी कार्रवाई ने निर्धारित चुनावों में व्यवधान डाला है।

इस प्रकार याचिका में दिल्ली विश्वविद्यालय को डीएचसीबीए 2022 चुनावों के लिए ईवीएम की आपूर्ति के लिए बिना किसी कथित बकाया राशि की मांग पर जोर दिए निर्देश देने की मांग की गई है। यह तय कार्यक्रम के अनुसार 28 सितंबर को चुनाव कराने के लिए एसोसिएशन के चुनाव आयोग को निर्देश देने की भी मांग करता है।

2022 डीएचसीबीए चुनाव कार्यक्रम के अनुसार नामांकन पत्र दाखिल करने का समय 12 से 14 सितंबर तक है, नामांकन पत्रों की जांच 15 सितंबर को की जाएगी। 16 से 17 सितंबर तक नामांकन पत्र वापस लेने का समय है और मतदान 28 सितंबर को निर्धारित है।

आज सुनवाई के दौरान डीएचसीबीए की ओर से पेश सीनियर एडवोकेट मोहित माथुर ने तर्क दिया कि दिल्ली विश्वविद्यालय द्वारा की गई मांग मनमानी है और कानून की नजर में टिकाऊ नहीं है, क्योंकि बिना किसी आधार के मौद्रिक दावा किया जा रहा था। माथुर ने यह भी बताया कि ईवीएम मशीनों को चुनाव होने के तुरंत बाद मई 2019 में वापस कर दिया गया था।

दूसरी ओर एक अन्य याचिकाकर्ता की ओर से पेश सीनियर एडवोकेट अनिल सपरा ने तर्क दिया कि विश्वविद्यालय की मांग समयबद्ध है और इस बात पर भी प्रकाश डाला कि डीयू ने कभी भी ऐसी कोई मांग नहीं उठाई।

डीएचसीबीए चुनाव आयोग का प्रतिनिधित्व करने वाले सीनियर एडवोकेट रविकांत चड्ढा ने अदालत को बताया कि स्थिति की सूचना मिलते ही, 2022 के चुनावों को स्थगित करने का निर्णय लिया गया था क्योंकि ईवीएम मशीनों की अनुपस्थिति में चुनाव आयोग की ओर से पहला प्रयास अन्य स्रोतों से मशीन की व्यवस्था करना था।

उन्होंने अदालत को आगे बताया कि डीएचसीबीए का चुनाव आयोग भारत के चुनाव आयोग के अधिकारियों के संपर्क में है जो मशीनें उपलब्ध करा सकते हैं और इसलिए प्रयास किए जा रहे हैं ताकि चुनाव कार्यक्रम में गड़बड़ी न हो।

उक्त सबमिशन पर ध्यान देते हुए कोर्ट ने कहा कि DHCBA चुनाव आयोग ECI और अन्य संबंधित अधिकारियों से जानकारी प्राप्त करने के बाद इस मुद्दे पर फिर से विचार करने में सक्षम होगा।

सीनियर एडवोकेट अनिल सपरा और एन हरिहरन ने तर्क दिया कि यदि ईवीएम मशीनों को स्रोतों से नहीं खरीदा जाता है तो डीएचसीबीए चुनाव आयोग भी मतपत्र (ballot papers) के माध्यम से चुनाव कराने पर विचार कर सकता है।

इस पर चड्ढा ने कहा कि वर्तमान चरण में निर्णय लिया गया है और स्थिति के मद्देनजर अन्य विकल्पों पर विचार किया जाएगा।

अदालत ने इस प्रकार याचिका पर प्रतिक्रिया देने के लिए दिल्ली विश्वविद्यालय के वकील को समय देते हुए मंगलवार को अंतरिम राहत के लिए सुनवाई के लिए मामला पोस्ट किया।

टाइटल : डीएचसीबीए और अन्य बनाम दिल्ली विश्वविद्यालय और अन्य।

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