स्किल डेवेलपमेंट घोटाला: आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट ने पूर्व मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू के खिलाफ सुनवाई पर 18 सितंबर तक रोक लगाई
आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट ने बुधवार को करोड़ों रुपये के भ्रष्टाचार वाले आंध्र प्रदेश स्किल डेवेलपमेंट कार्यक्रम घोटाला मामले में राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री और तेलुगु देशम पार्टी के नेता एन चंद्रबाबू नायडू के खिलाफ निचली अदालत की कार्यवाही पर अगले सोमवार तक रोक लगा दी।
कोर्ट ने विजयवाड़ा की अदालत को सीआईडी द्वारा दायर चंद्रबाबू नायडू की हिरासत याचिका पर सोमवार, 18 सितंबर तक सुनवाई नहीं करने का भी निर्देश दिया है। सीआईडी को अगले सोमवार तक उन्हें अपनी हिरासत में नहीं लेने का भी निर्देश दिया गया है।
गौरतलब है कि नायडू ने मामले में अपनी न्यायिक हिरासत रद्द करने के साथ-साथ मामले को रद्द करने की मांग करते हुए मंगलवार को हाईकोर्ट का रुख किया था।
इससे पहले विजयवाड़ा की एक विशेष अदालत ने पूर्व सीएम के खिलाफ धोखाधड़ी, आपराधिक विश्वासघात, जालसाजी और भ्रष्टाचार के आरोपों के तहत प्रथम दृष्टया मामला पाया और उन्हें 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया। हाउस रिमांड की उनकी अर्जी भी कल खारिज कर दी गई।
अपनी याचिका में पूर्व सीएम ने दावा किया है कि राजनीतिक प्रतिशोध के लिए उनके खिलाफ एक झूठा मामला थोपा गया है, उन्हें दिसंबर 2021 में मामला दर्ज होने के 22 महीने बाद गिरफ्तार किया गया। यह भी तर्क दिया गया है कि उनके खिलाफ मामला दर्ज करते समय एपीसीआईडी उनके खिलाफ मामला दर्ज करने में उचित प्रक्रिया का पालन नहीं किया।
उनका यह भी मामला है कि उनके खिलाफ कोई विशेष आरोप नहीं लगाए गए हैं और सीआईडी उनके खिलाफ किसी भी आरोप को साबित करने के लिए प्रारंभिक सबूत इकट्ठा करने में विफल रही है।
गौरतलब है कि उनकी आगे की दलील यह है कि ट्रायल कोर्ट द्वारा उन्हें रिमांड पर भेजने का आदेश इस तथ्य को ध्यान में रखे बिना पारित किया गया था कि सीआईडी पीसी अधिनियम की धारा 17 ए के अनुसार राज्यपाल से पूर्व अनुमोदन प्राप्त करने में विफल रही थी।
इसके अलावा, उन्होंने हाईकोर्ट से अपने रिमांड रद्द करने और हाईकोर्ट में उनकी याचिका पर सुनवाई समाप्त होने तक विजयवाड़ा में एसीबी अदालत के समक्ष लंबित कार्यवाही पर रोक लगाने का भी आग्रह किया है।
नायडू के खिलाफ मामले में आरोप लगाया गया है कि जब वह राज्य के मुख्यमंत्री थे तो इस घोटाले में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका थी। उन पर स्किल डेवेलपमेंट प्रोजेक्ट के लिए सरकारी धन को फर्जी चालान के माध्यम से विभिन्न फर्जी कंपनियों में स्थानांतरित करने का आरोप लगाया गया है।