दिल्ली कैंट नाबालिग रेप केस की पीड़िता के माता-पिता को चौबीसों घंटे सुरक्षा मुहैया कराई गई, चार्जशीट दाखिल की गई: दिल्ली पुलिस ने हाईकोर्ट में कहा
दिल्ली पुलिस ने दिल्ली हाईकोर्ट में कहा कि दिल्ली कैंट इलाके में 9 साल की बच्ची के साथ कथित सामूहिक बलात्कार और हत्या के मामले में लड़की के माता-पिता को चौबीसों घंटे सुरक्षा प्रदान की गई है और इस मामले में आरोप पत्र भी दायर किया गया है।
न्यायमूर्ति योगेश खन्ना एक याचिका पर विचार कर रहे थे, जिसमें अदालत की निगरानी में एसआईटी जांच और प्रशासनिक कार्रवाई में कथित चूक और प्राथमिकी दर्ज करने में देरी की न्यायिक जांच की मांग की गई है।
अदालत ने इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए याचिका का निपटारा किया कि चूंकि मामला विचाराधीन है, इसलिए मामले में और कुछ करने की आवश्यकता नहीं है।
अदालत ने अगस्त में दिल्ली पुलिस से मामले में की गई जांच पर स्टेटस रिपोर्ट मांगी थी, जिसके बाद यह घटनाक्रम सामने आया।
स्टेटस रिपोर्ट के अनुसार, यह प्रस्तुत किया गया कि आरोप पत्र दाखिल करने सहित जांच पूरी हो गई है और चार आरोपी व्यक्तियों को गिरफ्तार कर लिया गया है और न्यायिक हिरासत में पूछताछ चल रही है।
पुलिस ने अदालत को यह भी बताया कि एफएसएल परिणाम के साथ पूरक आरोपपत्र भी इस मामले में दायर किया गया जो वर्तमान में ट्रायल कोर्ट के समक्ष आरोप तय करने के लिए सूचीबद्ध है।
अन्य दो गवाहों को चौबीसों घंटे सुरक्षा प्रदान करने के पहलू पर पुलिस ने कहा कि उनके खिलाफ कई मामले लंबित हैं और उनके लिए खतरे की धारणा पर विश्वास करने के लिए कोई ठोस सामग्री नहीं है।
हालांकि, राज्य की ओर से पेश सरकारी वकील ने कहा कि दो गवाहों द्वारा दर्ज की गई शिकायतों पर उचित कार्रवाई की जाएगी।
न्यायालय ने आदेश दिया,
"कांस्टेबल के मोबाइल नंबर गवाहों हरदयाल सिंह और नितिन बग्गा को प्रदान किए जाएं ताकि किसी भी आपात स्थिति में उनसे संपर्क किया जा सके। उपरोक्त के मद्देनजर याचिका का निपटारा किया जाता है। यदि कोई हो लंबित आवेदन तो उसका भी निपटारा किया जाता है।"
दक्षिण-पश्चिम दिल्ली में दिल्ली छावनी के पास एक श्मशान के एक पुजारी और तीन कर्मचारियों द्वारा एक नौ वर्षीय लड़की के साथ कथित तौर पर बलात्कार और हत्या कर दी गई थी।
याचिका में कहा गया है कि मजार में खेल रही नाबालिग पीड़िता पीने के पानी के लिए श्मशान के अंदर गई थी। बाद में जब पीड़िता की मां ने अपनी बेटी की तलाश की तो आरोपितों ने उसे बताया कि पीड़िता की मौत करंट लगने से हुई है।
याचिका में आरोप लगाया गया है कि आरोपी व्यक्तियों ने नाबालिग पीड़िता के माता-पिता को 20,000 रुपये की पेशकश करके उन्हें रिश्वत देने की भी कोशिश की।
माता-पिता ने यह भी आरोप लगाया कि पुलिस का प्राथमिक ध्यान मामले को तोड़फोड़ करना था और मामले से समझौता करने के लिए पुलिस द्वारा उन्हें प्रताड़ित किया गया और उन पर दबाव डाला गया।
सितंबर में दिल्ली की एक कोर्ट ने मामले में चार्जशीट पर संज्ञान लिया था।
दिल्ली पुलिस ने नाबालिग की मां के बयान के आधार पर चार आरोपियों कुलदीप सिंह, लक्ष्मी नारायण, राधेश्याम और सलीम अहमद के खिलाफ मामला दर्ज किया था, जिन्होंने आरोप लगाया कि उनकी बेटी के साथ बलात्कार, हत्या और उनकी सहमति के बिना उनका अंतिम संस्कार किया गया।
आरोपी व्यक्तियों पर भारतीय दंड संहिता की धारा 302, 304, 376, 341, 506, 201 और 34 और यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (POCSO) अधिनियम की धारा 6 और एससी / एसटी अधिनियम की धारा 3 के तहत मामला दर्ज किया गया है।
केस का शीर्षक: सुनीता एंड अन्य बनाम राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली एंड अन्य राज्य।