उड़ीसा हाईकोर्ट ने रथ यात्रा की अनुमति देने से इनकार करने पर पूर्व सीजेआई पर हमला करने के लिए लोगों को उकसाने वाले व्हाट्सएप मैसेज भेजने के आरोपी को जमानत दी
उड़ीसा हाईकोर्ट ने रथ यात्रा की अनुमति देने से इनकार करने पर भारत के पूर्व मुख्य न्यायाधीश पर जूतों से हमला करने के लिए लोगों से उनके साथ जुड़ने का आग्रह करने वाले व्हाट्सएप ग्रुप में मैसेज करने के आरोपी को जमानत दी।
धर्म रक्षक श्री दारा सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष मुकेश जैन ने कथित तौर पर भारत के मुख्य न्यायाधीश को नक्सली और ईसाई आतंकवादी के रूप में चित्रित किया और उन पर रथ यात्रा रोकने का आरोप लगाया। इसके बाद मुकेश जैन पर सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की धारा 66 (एफ) के साथ पठित भारतीय दंड संहिता की धारा 153/153-ए/153-बी/295-ए/504/505/506 के तहत दंडनीय अपराधों के तहत मुकदमा दर्ज किया गया।
उच्च न्यायालय के समक्ष जैन ने प्रस्तुत किया कि उपरोक्त व्हाट्सएप मैसेज के लिए देश के विभिन्न पुलिस स्टेशनों में अलग-अलग मामले दर्ज किए गए हैं और उनके खिलाफ दर्ज दो मामलों में उन्हें जमानत मिली गई है। राज्य ने याचिका का विरोध किया और कहा कि आरोपियों के खिलाफ दर्ज सभी अपराध गंभीर प्रकृति के हैं और समाज पर गंभीर प्रभाव डालते हैं।
न्यायमूर्ति एसके पाणिग्रही ने इस तथ्य (दो अन्य मामलों में जमानत) और आरोपी की हिरासत की अवधि को ध्यान में रखते हुए कुछ शर्तें लगाकर आरोपी जैन जमानत दी।
तत्काल सीजेआई एसए बोबडे की अध्यक्षता वाली सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने पिछले साल 18 जून को आदेश दिया था कि महामारी की स्थिति को ध्यान में रखते हुए कोई रथ यात्रा आयोजित नहीं की जानी चाहिए। बाद में कोर्ट ने आदेश में संशोधन किया और केंद्र और राज्य सरकार के सख्त प्रतिबंधों और नियमों का पालन करते हुए पुरी में रथ यात्रा आयोजित करने की अनुमति दी।
अदालत ने इस सप्ताह की शुरुआत में ओडिशा राज्य के अन्य मंदिरों में प्रतिष्ठित पुरी जगन्नाथ मंदिर में रथ यात्रा के समान रथ यात्रा आयोजित करने की अनुमति मांगने वाली याचिकाओं के एक बैच को खारिज कर दिया और यह कहा गया कि देश COVID-19 की दूसरी लहर से उबर रहा है, ओडिशा सरकार ने एक सुविचारित निर्णय लिया है।
केस: मुकेश जैन बनाम ओडिशा राज्य [BLAPL 3740 of 2021]