आरोपी ने कथित तौर पर लॉकडाउन ड्यूटी पर तैनात कॉन्स्टेबल के जीवन को खतरे में डालने और भागने की कोशिश की, दिल्ली हाईकोर्ट ने जमानत देने से इनकार किया

Update: 2021-05-31 03:18 GMT

दिल्ली हाईकोर्ट ने पिछले हफ्ते एक व्यक्ति को जमानत देने से इनकार  किया, जिसने कथित तौर पर लॉकडाउन ड्यूटी पर तैनात एक कॉन्स्टेबल के जीवन को खतरे में डालने और भागने की कोशिश की।

न्यायमूर्ति मुक्ता गुप्ता की पीठ आईपीसी की धारा186/188/269/332/120बी/308 और आपदा प्रबंधन अधिनियम की धारा 51 के तहत पीएस वसंत कुंज, उत्तर दिल्ली में दर्ज मामले के खिलाफ याचिकाकर्ता की जमानत याचिका पर सुनवाई कर रही थी।

कोर्ट के समक्ष मामला

कॉन्स्टेबल इंद्रजीत स्थिति रिपोर्ट के अनुसार 21 अप्रैल, 2021 को महिपालपुर में पुलिस पिकेट पर अपनी आधिकारिक ड्यूटी कर रहा था और वह वाहनों की जांच कर रहा था और COVID-19 कर्फ्यू / लॉकडाउन के नियमों को लागू कर रहा था और बिना मास्क वाले व्यक्तियों की जांच कर रहा था।

चालान कथित तौर पर लगभग शाम के 4.00 बजे एक वाहन मारुति सुजुकी एर्टिगा के रूप में पिकेट की ओर आ रहा था, जिसमें दो व्यक्ति बिना मास्क के बैठे थे और इसलिए कॉन्स्टेबल इंद्रजीत ने वाहन को रुकने का संकेत दिया और उन्हें वाहन को बाईं ओर पार्क करने के लिए कहा।

याचिकाकर्ता ने निर्देशों का पालन करने के बजाय उसने कार को तेजी से भगाया और कॉन्स्टेबल को टक्कर मार दी और भागने की कोशिश की। कॉन्स्टेबल इंद्रजीत कार के बोनट पर गिर गया और फिर याचिकाकर्ता ने वाहन की गति बढ़ा दी और वाहन को ज़िग-ज़ैग तरीके से चलाया, जिसके परिणामस्वरूप कॉन्स्टेबल इंद्रजीत डिवाइडर पर कार के बोनट से गिर गया। इसके बाद याचिकाकर्ता और कार में सवार सह आरोपी भाग गए।

कोर्ट के समक्ष प्रस्तुतियां

याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि याचिकाकर्ता अपने चचेरे भाई को हवाई अड्डे पर छोड़ने जा रहा था और वापस आते समय उसे रोक लिया गया क्योंकि याचिकाकर्ता बिना मास्क के था। आगे तर्क दिया कि पुलिस अधिकारी को लगी चोटें सामान्य प्रकृति की हैं और याचिकाकर्ता सुनवाई के दौरान आगे की जांच के लिए उपलब्ध रहेगा।

राज्य के एपीपी ने कहा कि जिस तरह से याचिकाकर्ता ने कार को तेजी से भगाया वह सीसीटीवी फुटेज में कैद हो गया है और पुलिस ने वाहन को केवल इसलिए रोका था क्योंकि कार में बैठे दोनों व्यक्ति बिना मास्क के थे।

एपीपी ने आगे कहा कि अधिकारी ड्यूटी पर था और वाहन को रोकने का संकेत दिया, लेकिन याचिकाकर्ता ने कार को रोकने के बजाय तेजी से भगाया और कॉन्स्टेबल को टक्कर मारी। इंद्रजीत ने उसके ऊपर से कार लेकर जाने की कोशिश की।

कोर्ट ने अंत में याचिकाकर्ता को जमानत देने से इनकार किया और कहा कि,

"याचिकाकर्ता ने कॉन्स्टेबल के कार रोकने के निर्देश का पालन नहीं किया और इसके साथ ही दुर्घटना करके भागने की कोशिश की। इसलिए इस अदालत को इस स्तर पर याचिकाकर्ता को जमानत देने का कोई आधार नहीं मिलता है।"

केस का शीर्षक - राम कुमार बनाम दिल्ली राज्य [Bail Application 1589/2021]

आदेश की कॉपी यहां पढ़ें:



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