CAA पर बयानबाज़ी पर बंगाल की CM को राहत, अयोग्य करार देने की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट का सुनवाई से इनकार

Update: 2020-01-31 09:42 GMT

नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) पर कथित बयानबाज़ी के लिए पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के खिलाफ दाखिल याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई से इनकार कर दिया।

शुक्रवार को मुख्य न्यायाधीश एस ए बोबडे ने कहा कि वो इस पर सुनवाई नहीं करेंगे। लेकिन वो ये नहीं कह रहे कि मामला महत्वपूर्ण नहीं है। याचिकाकर्ता इस मामले को हाईकोर्ट ले जा सकते हैं।

दरअसल इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की गई थी।

याचिका में मांग की गई थी कि वो मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को हटाने के लिए पश्चिम बंगाल के राज्यपाल को निर्देश दिया जाए।

याचिका में ये भी कहा गया था कि नागरिकता संशोधन अधिनियम ( CAA) पर संयुक्त राष्ट्र की निगरानी में जनमत संग्रह की मांग करने वाली ममता मुख्यमंत्री पद पर बनीं नहीं रह सकती।

वराकी द्वारा दाखिल इस याचिका में कहा गया था कि संविधान की अनुसूची III के तहत पद की शपथ में कहा जाता है कि मुख्यमंत्री भारत की संप्रभुता और अखंडता के खिलाफ एक बयान नहीं दे सकते।

वहीं ममता बनर्जी ने CAA मुद्दे पर संयुक्त राष्ट्र के साथ जनमत संग्रह की मांग की है और यह भारतीय संप्रभुता और उसकी शपथ का खुला उल्लंघन है, याचिका में दावा किया गया है। शपथ के उल्लंघन के बाद वह अब पद संभालने के योग्य नहीं है, याचिका में कहा गया और उन्हें राज्य की मुख्यमंत्री पद से हटाने की मांग की गई था।

याचिका में ममता द्वारा 19 दिसंबर 2019 को दिए गए उनके बयान को आधार बनाया गया था। इस बयान में ममता ने कहा था कि बीजेपी को बहुमत मिला है तो इसका मतलब ये नहीं कि वो कुछ भी कर सकती है। नागरिकता संशोधन कानून पर UN की निगरानी में जनमत संग्रह होना चाहिए।

Tags:    

Similar News