मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर के निर्वाचन को चुनौती देने वाली चुनाव याचिका खारिज की
मध्य प्रदेश हाईकोर्ट (Madhya Pradesh High Court) ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की नेता साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर के 2019 के लोकसभा चुनाव में भोपाल से निर्वाचन को चुनौती देने वाली चुनाव याचिका खारिज कर दी है। साध्वी प्रज्ञा ने यहां कांग्रेस के दिग्गज नेता और पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह को हराया था।
जस्टिस विशाल धगत की पीठ ने आदेश दिया,
"याचिकाकर्ता (राकेश दीक्षित) को बार-बार अवसर दिए जाने के बावजूद उपस्थित नहीं हो रहे हैं, इसलिए, चुनाव याचिका खारिज कर दी जाती है।"
दीक्षित की ओर से दायर चुनावी याचिका में आरोप लगाया गया है कि ठाकुर ने 2019 में लोकसभा चुनाव जीतने के लिए सांप्रदायिक भाषण दिए और धार्मिक भावनाओं को उकसाया, जिससे जनप्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 123 का उल्लंघन हुआ।
जब यह मामला 12 दिसंबर को सुनवाई के लिए आया, तो जस्टिस धगत की पीठ ने कहा कि उस दिन के साथ-साथ इस मामले की पिछली तीन सुनवाई (11.10.2022, 23.11.2022 और 29.11.2022) को याचिकाकर्ता पेश नहीं हुए।
कोर्ट ने कहा,
"वाद सूची के सर्कुलर और लिस्टिंग की जानकारी के बावजूद, याचिकाकर्ता के वकील मामले में उपस्थित नहीं हो रहे हैं। याचिकाकर्ता को प्रारंभिक मुद्दे पर बहस करने के लिए बार-बार अवसर दिए गए थे।"
इसके अलावा, ठाकुर के वकील ने प्रस्तुत किया कि चुनाव याचिका को गैर-उपस्थिति के लिए खारिज नहीं किया जा सकता है और इसके मैरिट पर सुनवाई की जानी चाहिए।
हालांकि, पी. नल्ला थम्पी थेरा डॉ. बनाम बी.एल. शंकर एआईआर 1984 एससी 135 और गुरमेश बिश्नोई बनाम भजन लाल के मामलों में सुप्रीम कोर्ट के फैसलों का जिक्र करते हुए कोर्ट ने निष्कर्ष निकाला कि चुनाव याचिका को डिफ़ॉल्ट या गैर-अभियोजन पर खारिज किया जा सकता है।
इसके साथ ही कोर्ट ने याचिका खारिज कर दी।
केस टाइटल - राकेश दीक्षित बनाम साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर [चुनाव याचिका संख्या 49 ऑफ 2019]
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