भीतर के दीप को जलाए रखें: झारखंड हाईकोर्ट के जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद ने ऑब्जर्वेशन होम के बच्चों संग मनाई दिवाली

Update: 2025-10-22 07:16 GMT

झारखंड हाईकोर्ट के जज जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद ने रांची के डुमरदागा स्थित ऑब्जर्वेशन होम (प्रेक्षण गृह) के बच्चों के साथ दिवाली मनाई। उन्होंने बच्चों को कड़ी मेहनत, अनुशासन और शिक्षा के माध्यम से जीवन में आगे बढ़ने तथा अपने भीतर की रोशनी को हमेशा जलाए रखने का संदेश दिया।

बच्चों को संबोधित करते हुए जस्टिस प्रसाद ने कहा,

"दिवाली अंधकार पर प्रकाश की जीत का प्रतीक है। यह त्योहार हमें सिखाता है कि जीवन कितना भी कठिन क्यों न हो हमें अपने भीतर की रोशनी यानी ज्ञान सत्य और सद्भावना को हमेशा जलाए रखना चाहिए। आप सभी बच्चे देश का भविष्य हैं। परिस्थितियां चाहे जो भी हों आपको स्वयं पर विश्वास रखना चाहिए। कड़ी मेहनत अनुशासन और शिक्षा के माध्यम से आप जीवन में आगे बढ़ सकते हैं। सफलता केवल उन्हें मिलती है, जो अपने लक्ष्यों को नहीं छोड़ते।"

जज ने बच्चों को सलाह दी कि वे अपने समय का सदुपयोग करें, नियमित रूप से पढ़ाई करें और सकारात्मक सोच के साथ अपने भविष्य का निर्माण करें।

सुविधाओं का निरीक्षण और अधिकारियों को निर्देश

दिवाली समारोह के दौरान जस्टिस प्रसाद ने ऑब्जर्वेशन होम का विस्तृत निरीक्षण भी किया। उन्होंने बच्चों के लिए उपलब्ध आवासीय, शैक्षिक, स्वास्थ्य, भोजन, मनोरंजन और पुनर्वास सुविधाओं की समीक्षा की। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा पौष्टिक भोजन और आवश्यक मनोवैज्ञानिक तथा परामर्श सहायता प्रदान की जाए।

यह कार्यक्रम दीप प्रज्ज्वलन के साथ शुरू हुआ, जिसके बाद पेंटिंग और रंगोली प्रतियोगिताएं आयोजित की गईं। बच्चों ने रंगों और रचनात्मकता के माध्यम से समाज को सकारात्मक संदेश दिए।

इस अवसर पर न्यायिक आयुक्त रांची, उप विकास आयुक्त (DDC), रांची, नगर पुलिस अधीक्षक (City SP), झारखंड राज्य कानूनी सेवा प्राधिकरण (JHALSA) और जिला कानूनी सेवा प्राधिकरण (DLSA) के अधिकारी, समाज कल्याण विभाग के प्रतिनिधि और अन्य स्टाफ सदस्य उपस्थित थे।

कार्यक्रम के अंत में जस्टिस प्रसाद ने सभी बच्चों को मिठाइयां बांटी और प्रतियोगिताओं के प्रतिभागियों को पुरस्कार एवं प्रमाण पत्र वितरित किए।

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