वर्चुअल सुनवाई के दौरान अभद्र व्यवहार: मद्रास हाईकोर्ट ने आरोपी एडवोकेट को नोटिस जारी किया

Update: 2021-12-24 09:24 GMT

मद्रास हाईकोर्ट

मद्रास हाईकोर्ट ने अदालती कार्यवाही के दौरान अभद्र व्यवहार के आलोक में शुरू की गई अवमानना की कार्यवाही में आरोपी एडवोकेट आरडी संथानाकृष्णन को नोटिस जारी किया है।

न्यायमूर्ति पी.एन. प्रकाश और न्यायमूर्ति आर. हेमलता की खंडपीठ ने कहा कि मामले में शामिल वकील की पहचान पुलिस निरीक्षक, साइबर अपराध सेल, सीबी-सीआईडी द्वारा दायर प्रारंभिक रिपोर्ट के आधार पर की गई है।

प्रारंभिक रिपोर्ट के अनुसार, सीबी-सीआईडी ने वकील के खिलाफ आईपीसी की धारा 228, 292 (2) (ए) और 294 (ए) और सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2008 की धारा 67-ए के तहत अपराध के लिए मामला दर्ज किया है।

अदालत ने आदेश में कहा,

"अब जब आरोपित वीडियो क्लिपिंग में पुरुष की पहचान स्थापित हो गई है तो हम आर.डी.संथानकृष्णन को प्रथम प्रतिवादी/कथित अवमाननाकर्ता के रूप में सूचीबद्ध करते हैं। आर.डी.संथानाकृष्णन को वैधानिक नोटिस जारी करते हैं, जिस पर 20.01.2022 तक जवाबी हलफनामा दायर करना होगा।"

सीबी-सीआईडी द्वारा सौंपी गई प्रारंभिक रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि वीडियो क्लिपिंग में शामिल महिलाओं की पहचान अभी तक नहीं हो पाई है और जांच अभी जारी है।

21 दिसंबर को अदालत के निर्देश के अनुसार, लोक अभियोजक हसन मोहम्मद जिन्ना ने भी ग्रेटर चेन्नई पुलिस आयुक्त की ओर से 'एक्शन टेकन रिपोर्ट' प्रस्तुत की है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि विवादास्पद क्लिपिंग के प्रसार को रोकने के लिए विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफार्मों के साथ आवश्यक संचार किया गया है।

पुलिस आयुक्त ने यह भी जानकारी दी है कि वर्तमान में संबंधित नोडल अधिकारियों के साथ नाकाबंदी की जा रही है।

अदालत ने यह भी नोट किया कि तमिलनाडु और पुडुचेरी की बार काउंसिल ने वकील को पहले ही न्यायमूर्ति जी के इलांथिरैयन की अदालत में हुई घटना के कारण निलंबित कर दिया है।

पीठ ने कहा,

"लोक अभियोजक ने आगे हमारे संज्ञान में लाया कि तमिलनाडु और पुडुचेरी की बार काउंसिल ने आरओसी.सं.7019/2011 दिनांक 21.12.2021 के तहत आर डी संथानाकृष्णन को उनके अभद्र व्यवहार के लिए निलंबित कर दिया है, उसके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही की जाएगी।"

डिवीजन बेंच ने 21 दिसंबर को, 'अदालत की कार्यवाही के दौरान अश्लीलता' पर पीड़ा व्यक्त करते हुए स्वत: संज्ञान आपराधिक अवमानना कार्यवाही शुरू की थी।

बेंच ने सोशल मीडिया में प्रसारित हो रही वीडियो क्लिपिंग का संज्ञान लेते हुए सीबी-सीआईडी से स्वत: संज्ञान लेते हुए प्राथमिकी दर्ज करने को कहा।

बेंच ने आगे कहा,

"वीडियो क्लिपिंग प्रथम दृष्टया सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम और अन्य दंड कानूनों के तहत संज्ञेय अपराधों के कमीशन का खुलासा करती है, सीबी-सीआईडी विवादित वीडियो क्लिपिंग पर एक स्वत: संज्ञान प्राथमिकी दर्ज करेगी और 23.12.12 को इस न्यायालय के समक्ष एक प्रारंभिक रिपोर्ट दर्ज करेगी।"

अदालत ने संबंधित अधिकारियों को वीडियो क्लिपिंग के प्रसार को रोकने और यह सुनिश्चित करने का भी निर्देश दिया कि इसे सोशल मीडिया से हटाया जाए।

केस नंबर: स्वत: संज्ञान लेकर आपराधिक अवमानना याचिका संख्या 1699/2021

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