हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग ने जवाब दाखिल न करने पर 10 हजार जुर्माना माफ करने की मांग की, हाईकोर्ट ने और देरी करने पर जुर्माना 20 हजार लगाया
पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने बार-बार आदेशों के बावजूद जवाब दाखिल नहीं करने के लिए हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग (Haryana Staff Selection Commission) पर लगाए गए जुर्माने को दोगुना कर दिया, जिससे मामले में दलीलों के निष्कर्ष में देरी हुई।
जस्टिस संदीप मुदगिल ने कहा,
"अदालत को ऐसे आवेदन को देखकर दुख हुआ है, जिसमें राज्य 10,000 रुपये के जुर्माना की छूट की मांग कर रहा है, [जुर्माना] आयोग पर लगाया गया, जिसमें बड़ी संख्या में [न्यायालय में पदाधिकारी] हैं लेकिन फिर भी समय पर दलीलें पूरी नहीं की जा रही हैं।”
कोर्ट ने आगे कहा कि छूट के लिए आवेदन राज्य सरकार द्वारा आवेदन सूचीबद्ध करने में होने वाले खर्चों की परवाह किए बिना दायर किया गया।
यह देखा गया,
"रजिस्ट्री में इसे दाखिल करने के बाद स्कैनिंग, लिस्टिंग ब्रांच में प्रसंस्करण आदि जैसे विभिन्न चैनलों के अलावा इस तरह के अनुचित आवेदन के लिए उक्त प्रणाली के साथ नियुक्त पूरे जनशक्ति पर दबाव डाला गया।"
ये घटनाक्रम तब हुआ जब अदालत ने कई अवसर दिए जाने के बावजूद कार्यवाही में अपना जवाब दाखिल नहीं करने के लिए हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग (एचएसएससी) पर 10,000 रुपये का जुर्माना लगाया था।
पहले के अवसर पर, न्यायालय ने यह कहते हुए मामले को स्थगित कर दिया कि राज्य को आखिरी अवसर दिया जा रहा है, जिसका जवाब देने में गलती करने वाले अधिकारी के वेतन से 10,000/- रुपये की कटौती की जाएगी।
हालांकि, यह नोट किया गया कि लगाए गए जुर्माना के भुगतान के बजाय एचएसएससी के उप सचिव के हलफनामे के साथ एक आवेदन दायर किया गया, जिसमें उन पर लगाए गए जुर्माने की छूट की मांग की गई।
जस्टिस मौदगिल ने कहा कि लगाया गया जुर्माना इस बात पर लगाया गया कि जनवरी, 2023 के बाद से आयोग ने प्रत्युत्तर दाखिल करने का कोई प्रयास नहीं किया। इसके लिए समय के विस्तार की मांग करता रहा।
वर्तमान सुनवाई में भी न्यायालय ने कहा कि आयोग द्वारा कोई जवाब या जवाब दाखिल नहीं किया गया, जिसके कारण कार्यवाही लगातार स्थगित हो रही है।
उपरोक्त टिप्पणियों के आलोक में न्यायालय ने "पहले की लागत समय पर जमा न करने के कारण के आधार पर" 20,000 रुपये के बढ़े हुई जुर्माने के साथ छूट का आवेदन खारिज कर दिया।
आदेश के अनुपालन के लिए मामले को 25 जनवरी तक के लिए टाल दिया गया।
अपीयरेंस: एस.के. यादव, याचिकाकर्ता के वकील और संदीप सिंह मान, अतिरिक्त एजी, हरियाणा।
केस टाइटल: अभय सिंह बनाम हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग
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