गुजरात हाईकोर्ट ने अहमदाबाद में नशीली दवाओं की तस्करी के लिए नाबालिगों के कथित इस्तेमाल के संबंध में स्वत: संज्ञान लेते हुए जनहित याचिका दर्ज की
गुजरात हाईकोर्ट (Gujarat High Court) ने अहमदाबाद शहर में मादक पदार्थों की तस्करी के लिए नाबालिग लड़कियों के कथित इस्तेमाल के संबंध में स्वत: संज्ञान लेते हुए एक जनहित याचिका (PIL) दर्ज की।
राज्य सरकार को सचिव गृह विभाग, पुलिस महानिदेशक, महिला एवं बाल विकास विभाग, गुजरात राज्य और पुलिस महानिरीक्षक के माध्यम से नोटिस जारी किया गया है।
जस्टिस निखिल कारियल की पीठ ने अहमदाबाद मिरर द्वारा प्रकाशित एक न्यूज रिपोर्ट पर ध्यान देते हुए ये आदेश पारित किया। रिपोर्ट में कहा गया था कि नाबालिग लड़कियों का इस्तेमाल अहमदाबाद शहर में ड्रग तस्कर द्वारा ड्रग्स की आपूर्ति के लिए किया जा रहा है।
कोर्ट ने संबंधित अधिकारियों को निम्नलिखित मुद्दों पर 21 मार्च तक इस मामले में एक हलफनामा दायर करने का निर्देश दिया है:
1. क्या अखबार की रिपोर्ट में कोई सच्चाई है, विशेष रूप से छोटे बच्चों को पूरे शहर में ड्रग्स पहुंचाने के लिए डिलीवरी एजेंटों के रूप में इस्तेमाल किए जाने के संबंध में।
2. अगर अखबार की रिपोर्ट सही है, या आंशिक रूप से सही है, तो नाबालिग बच्चों को इस खतरनाक व्यवसाय से बचाने के लिए राज्य द्वारा क्या कार्रवाई की गई है?
3. क्या ऐसे नाबालिगों के पुनर्वास के लिए राज्य के पास कोई पुलिस है या राज्य उन नाबालिगों के पुनर्वास का इरादा कैसे रखता है जो कथित तौर पर खतरनाक कारोबार में शामिल हैं।
सुनवाई के दौरान, न्यायालय ने विशेष रूप से स्पष्ट किया कि वह ड्रग्स के खतरे के संबंध में स्वत: संज्ञान पीआईएल में चिंतित नहीं है, लेकिन इसकी मुख्य चिंता नाबालिग बच्चों को ड्रग्स आपूर्तिकर्ताओं के रूप में इस्तेमाल किया जाना है।
कोर्ट ने कहा,
"हम ड्रग्स (खतरे) के मुद्दे पर नहीं हैं, यह एक कानून और व्यवस्था का मुद्दा है, जिसे संबंधित अधिकारियों को ध्यान रखना होगा। हम इस व्यवसाय में केवल नाबालिग बच्चों के उपयोग के बारे में चिंतित हैं। हमारे पास पर्याप्त कानून हैं, अधिकारियों को अपना काम करने दें। यह कुछ ऐसा है जो रडार से बच सकता है, इसलिए मैं चाहता हूं कि संबंधित अधिकारियों द्वारा इस पर गौर किया जाए और कुछ कदम उठाए जाएं।"
यह ध्यान दिया जा सकता है कि गुजरात उच्च न्यायालय द्वारा संदर्भित अखबार की रिपोर्ट अहमदाबाद मिरर द्वारा की गई एक इन्वेटिगेशन है जिसमें पता चला है कि नाबालिग लड़कियों और लड़कों का इस्तेमाल अफसाना अंसारी उर्फ मज्जो और अन्य मादक पदार्थों के तस्करों द्वारा शहर में ग्राहकों को ड्रग्स पहुंचाने के लिए किया जाता था। इन्वेटिगेशन में आगे पता चला कि लड़कों और लड़कियों को प्रति डिलीवरी 300 रुपये मिलते हैं।