'ग्लो एंड हैंडसम' : बॉम्बे हाईकोर्ट ने एचयूएल को इमामी के ख़िलाफ़ दी अंतरिम राहत

Update: 2020-07-08 03:45 GMT

बॉम्बे हाईकोर्ट ने सोमवार को एकपक्षीय फ़ैसले में एचयूएल को इमामी के ख़िलाफ़ अंतरिम राहत देते हुए इमामी को 'ग्लो एंड हैंडसम' ट्रेडमार्क के प्रयोग के लिए एचयूएल के ख़िलाफ़ किसी भी तरह की क़ानूनी कार्रवाई करने से फिलहाल रोक दिया है। कोर्ट ने वादी को इसके लिए एक सप्ताह का लिखित नोटिस भी नहीं दिया।

न्यायमूर्ति बीपी कोलाबावाला ने एचयूएल की याचिका की सुनवाई वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से की और वादी की पैरवी वक़ील हीरेन कामोद ने की। अदालत ने कहा कि बचाव पक्ष इमामी की ओर से अख़बारों में जो बयान दिए गए हैं वे एचयूएल के ख़िलाफ़ धमकी की तरह हैं और अगर वादी को सीमित राहत दी जाती है तो इमामी के ख़िलाफ़ किसी तरह की दुर्भावना पैदा नहीं होती है।

एचयूएल ने ट्रेड मार्क अधिनियम, 1999 की धारा 142 के तहत यह मामला दायर किया था और इमामी को उसके ख़िलाफ़ धमकियां देने से रोकने का आग्रह किया था क्योंकि वह 'ग्लो एंड हैंडसम' ट्रेड्मार्क का प्रयोग कर रहा है।

कामोद ने 7 सितम्बर 2018 को कहा था कि वादी ने स्वतंत्र रूप से 'ग्लो एंड लवली'एवं 'ग्लो एंड हैंडसम'' जैसे शब्दों का प्रयोग अपनी त्वचा का रखरखाव वाले उत्पादों के लिए किया था। इन दोनों मार्क्स के वैधानिक अधिकार प्राप्त करने के लिए एचयूएल ने 7 सितम्बर 2018 को कई वर्ग़ों के तहत आवेदन दिया।

शुरू में ट्रेड्मार्क रजिस्ट्रार ने ट्रेड मार्क्स अधिनियम, 1999 की धारा 9(1)(a) अधीन आपत्ति की और 10 अक्टूबर 2018 को एक जांच रिपोर्ट में वादी के ''ग्लो एंड हैंडसम'' की चर्चा की, लेकिन 26 जुलाई 2019 को एक आदेश में ट्रेड्मार्क्स रजिस्ट्रार ने एचयूएल के 'ग्लो एंड हैंडसम' का पंजीकरण करने से इनकार कर दिया। रजिस्ट्रार के इस निर्णय के ख़िलाफ़ बौद्धिक संपदा अपीली बोर्ड में अपील की गई जो कि लंबित है।

इसके बाद 2 जुलाई 2020 को एचयूएल ने घोषणा की कि वह अपने ट्रेड्मार्क/ब्रांड 'फ़ेयर एंड लवली' को सुधारकर इसे 'ग्लो एंड लवली' कर रहा है और वादी का पुरुषों के लिए 'फ़ेयर एंड लवली' उत्पाद का नाम बदलकर 'ग्लो एंड हैन्सम' हो जाएगा।

एचयूएल के वक़ील ने अदालत को बताया कि वादी को 'ग्लो एंड हैंडसम' नाम से उत्पाद के उत्पादन के लिए एफ़डीए लाइसेंस मिल गया। इसके बाद एचयूएल ने ''ग्लो एंड हैंडसम'' ट्रेडमार्क वाले अपने उत्पाद का विज्ञापन अख़बारों और सोशल मीडिया में जारी किया और इकोनॉमिक टाइम्स और बिज़नेस लाइन अख़बारों में 4 जुलाई 2020 को प्रथम पृष्ठ का विज्ञापन दिया।

2 जुलाई 2020 को जब वादी ने यह घोषणा की तो बचाव पक्ष ने विभिन्न अख़बारों में बयान जारी कर एचयूएल के ख़िलाफ़ क़ानूनी कार्रवाई की धमकी दी कि उसके ''ग्लो एंड हैंडसम'' मार्क का उल्लंघन हुआ है।

कामोद ने कहा कि प्रतिवादी का यह दावा कि ''ग्लो एंड हैंडसम''/इमामी 'ग्लो एंड हैंडसम'' उसका है, यह झूठा है और वादी पहले ही इस ट्रेड मार्क 'ग्लो एंड हैन्सम' का प्रयोग कर चुका है।

कामोद की दलील पर अदालत ने कहा,

'…ऐसा लगता है कि बचाव पक्ष ने ''ग्लो एंड हैंडसम'' मार्क को 25 जून 2020 को अपनाया और अभी तक इसका वाणिज्यिक रूप से प्रयोग नहीं किया है। बचाव पक्ष ने जो बयान दिए हैं और जिसे विभिन्न अख़बारों में प्रकाशित किया है और जिसे इस शिकायत में शामिल किया गया है, वे धमकी के बराबर हैं पर ये ग़ैरक़ानूनी या निराधार हैं इसका निर्णय दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद ही हो सकता है।

आज वादी सीमित राहत की मांग कर रहा है कि बचाव पक्ष को किसी भी अदालत में कोई भी क़ानूनी कार्रवाई करने से पहले कम से कम 7 दिनों का अग्रिम लिखित नोटिस देना चाहिए और वादी के ख़िलाफ़ अंतरिम या अस्थायी राहत का दावा क्योंकि अख़बारों में बयान जारी कर धमकियां दी गई हैं कि वादी ''ग्लो एंड हैंडसम'' ट्रेड्मार्क का प्रयोग नहीं करे। तथ्यों और परिस्थितियों पर ग़ौर करने के बाद, मेरा मानना है कि अगर यह सीमित राहत दे दी जाती है तो इससे बचाव पक्ष के ख़िलाफ़ कोई दुर्भावना पैदा नहीं होती है।"

इस मामले की अगली सुनवाई अब 27 जुलाई को होगी।

आदेश की प्रति डाउनलोड करें



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