अधिवक्ता के चैंबर से अंतर्जातीय विवाह करने वाली लड़की का अपहरण: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एसएसपी/एसपी को मामले की जांच करने का आदेश दिया
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने दुर्भाग्यपूर्ण मामला बताते हुए बुधवार को वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, प्रयागराज/पुलिस अधीक्षक, जौनपुर को उस लड़की को पेश करने का निर्देश दिया, जिसने अंतर्जातीय विवाह किया था। उक्त लड़की का वकील के चैंबर से जबरदस्ती अपहरण कर लिया गया।
जस्टिस उमेश कुमार की पीठ लड़की द्वारा दायर सुरक्षा याचिका पर सुनवाई कर रही थी। उक्त लड़की ने हाल ही में ओबीसी समुदाय के व्यक्ति से शादी की थी और अपने परिवार के सदस्यों से अपने जीवन और स्वतंत्रता को खतरा बताया था।
पिछली सुनवाई में परिवार के सदस्यों ने आरोप लगाया कि ओबीसी समुदाय (लड़की के पति) के व्यक्ति ने लड़की का अपहरण किया है। इसके अनुसार, अदालत ने लड़की के पक्ष को सुनने का फैसला किया और अदालत के समक्ष उसकी उपस्थिति का आदेश दिया।
अब बुधवार (20 अप्रैल) को याचिकाकर्ताओं के वकील ने अदालत को सूचित किया कि प्रतिवादी नंबर चार (लड़की के पिता) की मिलीभगत से 20 से अधिक बदमाशों ने उसके चैंबर्स को घेर लिया और लड़की को उसके चैंबर से जबरदस्ती उठाकर ले गए।
इन परिस्थितियों में वकील ने प्रस्तुत किया कि याचिकाकर्ता अदालत के समक्ष पेश नहीं हो सकती।
इसे देखते हुए न्यायालय ने कहा:
"यह बहुत ही आश्चर्यजनक और दुर्भाग्यपूर्ण है कि हाईकोर्ट के सामने बदमाशों ने वकील के चैंबर से लड़की का जबरदस्ती अपहरण कर लिया। याचिकाकर्ता नंबर दो आवश्यक कार्रवाई के लिए उपयुक्त प्राधिकारी के समक्ष एक उपयुक्त आवेदन करने के लिए स्वतंत्र है।"
अत: वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, प्रयागराज/पुलिस अधीक्षक, जौनपुर को मामले को प्राथमिकता के आधार पर देखने और अगली सूचीबद्धता तिथि पर लड़की को न्यायालय में पेश करने का निर्देश दिया गया।
कोर्ट ने अब मामले को आगे की सुनवाई के लिए 17 मई, 2022 को नए सिरे से पोस्ट किया है और लिस्टिंग की अगली तारीख पर कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं को कोर्ट के सामने उपस्थित रहने का निर्देश दिया।
याचिकाकर्ताओं की ओर से अधिवक्ता मोहम्मद खालिद और पवन कुमार यादव पेश हुए।
केस का शीर्षक - अंकिता मिश्रा और एक अन्य बनाम यू.पी. राज्य और तीन अन्य
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