गुजरात उच्च न्यायालय अधिवक्ता संघ ने मुख्य न्यायाधीश को पत्र लिखकर फिज़िकल कोर्ट मेंं काम शुरू करने का अनुरोध किया

Update: 2020-06-01 05:16 GMT

Gujarat High Court

गुजरात हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश, न्यायमूर्ति विक्रम नाथ को गुजरात उच्च न्यायालय अधिवक्ता संघ (GHCAA) के अध्यक्ष यतिन एन ओझा का एक पत्र लिखा, जिसमें वर्चुअल कोर्ट के बजाए फिज़िकल (ओपन) कोर्ट के कामकाज के लिए अनुरोध किया गया। 

पत्र में कहा गया है कि 

इस विषय में एक जनमत संग्रह किया गया और फिर मतदान के लिए रखा गया। एजेंडा यह था कि क्या बार के सदस्य अदालत का फिज़िकल कामकाज चाहते हैं या वर्चुअल कोर्ट के  कामकाज को पसंंद करते हैं। 

इस जनमत संग्रह में 800 सदस्यों ने भाग लिया और बार के लगभग 64% सदस्यों ने इच्छा व्यक्त की कि अदालत को  फिज़िकल रूप से कार्य करना चाहिए, जबकि 36% ने वर्चुअल कोर्ट के  कामकाज के लिए अपनी इच्छा व्यक्त की। 

पत्र में अवगत कराया गया है कि 2400 सदस्यों में से लगभग 1800 सदस्य चाहते हैं कि अदालत उन सभी सावधानियों के साथ फिज़िकल रूप से कार्य करे जो मुख्य न्यायाधीश अपने साथी न्यायाधीशों के साथ तय करते हैं।

 कोर्ट के फिज़िकल कामकाज के पक्ष में निम्नलिखित कारण दिए गए हैं: 

● गुजरात राज्य ने पूजा स्थलों के अलावा मॉल और हॉस्पिटैलिटी सेक्टर खोलने सहित लगभग सभी व्यावसायिक गतिविधियों की अनुमति दी है।

 ●  राज्य सरकार ने खुद लगभग ढाई महीने के बाद लगभग सभी व्यावसायिक गतिविधियों को खोलने को उपयुक्त माना। वर्तमान अवधि को अब सुरक्षित माना गया।

 ● सचिवालय अब भी खोला जा रहा है और  सचिवालय जाने वाले लोगों की संख्या उच्च न्यायालय जाने वाले लोगों की तुलना में अधिक है।

●  एक प्रतिष्ठित डॉक्टर ने एक वेबिनार में कई सावधानियों का सुझाव दिया और कहा कि न्यायालय सुरक्षित रूप से किसी भी जोखिम के बिना फिज़िकल सुनवाई के लिए फिर से खोले जा सकते हैं।

माननीय मुख्य न्यायाधीश से अनुरोध किया गया है कि वे इस तरह का विचार करें कि फिज़िकल सुनवाई के माध्यम से उच्च न्यायालय को खोलने में कोई बुराई नहीं है।

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