COVID-19 वैक्सीन की कीमत में अंतर: राजस्थान हाईकोर्ट ने केंद्र और राज्य सरकार को नोटिस जारी किया

Update: 2021-04-30 06:48 GMT

राजस्थान हाईकोर्ट ने गुरुवार (29 अप्रैल) को केंद्र और राज्य के COVID-19 वैक्सीन की कीमत में अंतर को निर्धारित करने की मांग वाली याचिका पर केंद्र और राज्य सरकार को नोटिस जारी किया।

पत्रकार मुकेश शर्मा ने अधिवक्ता अभय कुमार भंडारी और अधिवक्ता सिद्धार्थ बापना के माध्यम से याचिका दायर की कि सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (Serum institute of india) और भारत बायोटेक इंटरनेशनल लिमिटेड (Bharat Biotech International Limited) ने भारत सरकार और राज्य सरकारों और निजी अस्पतालों के लिए COVID-19 वैक्सीन का मूल्य अलग-अलग निर्धारित किया गया है और यह भारतीय संविधान के अनुच्छेद-14 और अनुच्छेद-21 का उल्लंघन है।

याचिका में कहा गया है कि यह ध्यान दिया जा सकता है कि बुधवार को भारत बायोटेक ने राज्य सरकारों के लिए अपने टीके 'कोवाक्सिन (COVAXIN)' की कीमत को घटाकर 600 रूपये प्रति डोज से घटाकर 400 रूपये प्रति कर दिया। हालांकि निजी बाजारों के लिए कोवाक्सिन की कीमत में कोई बदलाव नहीं हुआ है और इसकी प्रति डोज कीमत 1,200 रूपये है।

इसी तरह कोविशिल्ड (Covishield) वैक्सीन की कीमत भी कम कर दी गई है और अब यह राज्य सरकारों के लिए 300 रुपये प्रति डोज की कीमत पर उपलब्ध होगी।

याचिका में कहा गया कि एक बार सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया और भारत बायोटेक रुपये भारत सरकार के लिए 150 रूपये में वैक्सीन की डोज उपलब्ध कराने का निर्णय लेते हैं। इसलिए इसका कोई कारण नहीं है कि वे निजी बाजारों और राज्य सरकारों के लिए वैक्सीन की कीमत बढ़ा दें।

याचिका में इसे मूर्खतापूर्ण कार्य कहा गया है और आगे याचिका में कहा गया है कि कंपनियों द्वारा निर्मित वैक्सीन कैसे एक ही देश में तीन अलग-अलग दामों पर बिना किसी कारण के बेची जा सकती है और वह भी भारत सरकार की सहमति से और बड़े पैमाने पर जनता के हित के खिलाफ।

याचिका में उदारीकृत टीकाकरण रणनीति (जो 01 मई से लागू हो रही है) को चुनौती देते हुए कहा गया कि,

"18 वर्ष से अधिक आयु के व्यक्तियों को टीकाकरण के लिए योग्य बनाया गया है, लेकिन भारत सरकार टीकाकरण कार्यक्रम के तहत नहीं। इसलिए यदि 18 वर्ष से अधिक आयु के व्यक्ति को टीका लगवाना है तो उसे टीकाकरण के लिए भारी मात्रा में भुगतान करना होगा या नि: शुल्क टीकाकरण के लिए राज्य सरकार की दया पर बने रहें और बदले में राज्य सरकार को टीकाकरण की प्रत्येक डोज के लिए अधिक कीमत का भुगतान करना होगा। "

याचिका में महत्वपूर्ण रूप से कहा गया कि भारत सरकार द्वारा अपनाई गई टीकाकरण रणनीति सार्वजनिक हित के खिलाफ है और कोरोनावायरस के खिलाफ भारत की लड़ाई में एक प्रमुख बाधा है।

याचिका में आगे तर्क दिया गया कि टीकाकरण की प्रत्येक डोज के लिए मोटी रकम वसूल कर भारत सरकार भारत के लोगों और राजस्थान राज्य के लोगों के जीवन के अधिकार की गारंटी का लाभ उठा रही है।

याचिका में आगे कहा गया कि,

"भारत के सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया और भारत बायोटेक द्वारा घोषित वर्तमान उदारीकरण टीकाकरण रणनीति और मूल्य निर्धारण के साथ भारत सरकार ने राजस्थान और उनके नागरिकों को दोनों वैक्सीन निर्माताओं के निर्भरता पर छोड़ दिया है।"

याचिका में महत्वपूर्ण रूप से कहा गया कि भारत सरकार ने पीएम-केयर फंड में डोनेशन के माध्यम से बड़ी मात्रा में धन एकत्र किया और जिसका उपयोग सरकारी मशीनरी के माध्यम से पूरी आबादी को मुफ्त टीकाकरण प्रदान करने के लिए किया जाना चाहिए।

याचिका में अंत में कहा गया कि,

"भारत के संविधान के अनुच्छेद -14 के मुताबिक एक उचित वर्गीकरण में बिना किसी कारण अंतर करना संविधान का उल्लंघन है और इस तरह सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया और भारत बायोटेक के टीकों के मूल्य में अंतर संविधान प्रावधान के तहत अधिकारातीत है और यह बिना किसी आधार के भारत के नागरिकों के बीच मनमाने तरीके से भेदभाव करता है।"

याचिका में की गई प्रार्थनाएं

1. भारत के सेरम इंस्टीट्यूट ऑफ इडिया ने उदारवादी मूल्य निर्धारण और त्वरित राष्ट्रीय COVID-19 वैक्सीन रणनीति के अनुसार COVID -19 वैक्सीन कोविशिल्ड को भरात सरकार के लिए 300 रूपये प्रति डोज ( पहले 400 रूपये) और राज्य सरकारों और अन्य संगठनों को 600 रूपये प्रति डोज उपलब्ध कराने का निर्णया लिया है। याचिका में इसे पलटने का निर्देश देने की मांग की गई है।

2. भारत बायोटेक ने उदारवादी मूल्य निर्धारण और त्वरित राष्ट्रीय COVID-19 वैक्सीन रणनीति के अनुसार राज्य सरकारों के लिए अपने टीके 'कोवाक्सिन' की कीमत को घटाकर 600 रूपये प्रति डोज से घटाकर 400 रूपये प्रति कर दिया और निजी बाजारों के लिए कोवाक्सिन की कीमत में कोई बदलाव नहीं हुआ है और इसकी प्रति डोज कीमत 1,200 रूपये है। याचिका में इसे पलटने का निर्देश देने की मांग की गई है।

3. भारत सरकार को कोविशिल्ड और कोवाक्सिन के नाम से टीके की कीमत एक समान रेट 150 रूपये प्रति डोज तय करने के लिए निर्देशित किया जाना चाहिए।

4. भारत सरकार द्वारा पूरे राजस्थान राज्य में उन सभी व्यक्तियों को मुफ्त टीकाकरण करने के लिए निर्देशित किया जाना चाहिए जो सरकार द्वारा संचालित टीकाकरण केंद्रों के माध्यम से टीकाकरण कराने की इच्छा रखते हैं।

5. भारत सरकार को COVID-19 वैक्सीन की एक डोज की कीमत तय करने के पूरे तंत्र के बार में बताने के लिए निर्देशित किया जाना चाहिए।

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