5G नेटवर्क मामला: दिल्ली हाईकोर्ट ने जूही चावला द्वारा 20 लाख रुपये का जुर्माना न भरने, कोर्ट फीस वापस करने की मांग वाली याचिका पर हैरानी जताई

Update: 2021-07-08 07:32 GMT

दिल्ली हाईकोर्ट ने बुधवार को जूही चावला और अन्य के आचरण पर हैरानी व्यक्त किया, जिन्होंने देश में 5G तकनीक के रोल-आउट के खिलाफ मुकदमे में अदालत का रुख किया। याचिकाकर्ताओं ने एक तरफ अपने आवेदन वापस लेने की मांग की और दूसरी ओर उनके खिलाफ लगाए गए जुर्माने का भुगतान करने से इनकार कर दिया।

अदालत ने पहले याचिकाकर्ताओं पर 20 लाख रुपये का जुर्माना लगाया था और उनकी याचिका को यह कहते हुए खारिज कर दिया था कि यह तुच्छ मुकदमेबाजी है। पीठ अभिनेत्री द्वारा दाखिल किये गए तीन आवेदनों पर सुनवाई कर रही थी। इनमें अदालती फीस की वापसी, जुर्माने में छूट और फैसले में ''खारिज'' शब्द को ''अस्वीकार'' करने की अपील की गई है।

न्यायमूर्ति मिधा, जो आज सेवानिवृत्त हो रहे हैं, ने दो आवेदनों पर सुनवाई करते हुए भुगतान की गई अदालती फीस की वापसी की मांग वाले आवेदन पर कहा कि मैं अपने न्यायिक करियर में पहली बार देख रहा हूं कि एक पक्ष अदालत की फीस का भुगतान करने के लिए तैयार नहीं है !

याचिकाकर्ताओं के लिए दीपक खोसला ने तब स्पष्ट किया कि वे अदालत की फीस को चुनौती नहीं दे रहे हैं बल्कि भुगतान की गई अदालती फीस की वापसी की मांग कर रहे हैं। इस पर अदालत ने कहा कि वह पहली बार में याचिकाकर्ताओं के आचरण का जिक्र कर रही हैं।

अदालत ने याचिकाकर्ताओं को चेतावनी देते हुए और अपना असंतोष व्यक्त करते हुए कहा कि,

"यह मेरे जीवन में सबसे तुच्छ आवेदन है और वकील को याद दिलाया कि, "हम अवमानना नोटिस जारी करने के इच्छुक थे, लेकिन नहीं जारी किया। कृपया अपना आचरण देखें ।"

कोर्ट ने जूही चावला और दो अन्य को 5जी वायरलेस नेटवर्क प्रौद्योगिकी को चुनौती देने के मामले में कानून की प्रक्रिया का दुरुपयोग करने पर लगाया गया 20 लाख का जुर्माना भरने के लिये एक सप्ताह का समय दिया।

पृष्ठभूमि

दिल्ली हाईकोर्ट ने इससे पहले 5G ट्रायल के खिलाफ दायर अभिनेत्री जूही चावला की याचिका को 'दोषपूर्ण और सुने जाने योग्य नहीं' कहते हुए खारिज कर दिया था। इसके साथ ही हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ताओं पर 20 लाख रूपये का जुर्माना लगाया था।

कोर्ट ने आदेश में नोट किया कि  उन्होंने (वादी ने) कानून की प्रक्रिया का दुरुपयोग किया है। वादी को एक सप्ताह के भीतर 20 लाख का जुर्माना जमा करने का निर्देश दिया जाता है। डीएसएलएसए इसे सड़क दुर्घटनाओं के पीड़ितों के लिए उपयोग कर करेगा। यदि कोई कार्यवाही शुरू की जाती है, तो यह निर्णय अदालत के समक्ष पेश किया जाना चाहिए।

दिल्ली राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण को सड़क दुर्घटनाओं के शिकार लोगों के लिए इसका उपयोग करने का निर्देश दिया गया।

कोर्ट ने यह भी टिप्पणी की थी कि ऐसा प्रतीत होता है कि वादी ने प्रचार के मकसद से यह मुकदमा दायर किया है, क्योंकि वादी नंबर एक द्वारा सुनवाई लिंक अपने सोशल मीडिया पर शेयर किया गया है, जिससे सुनवाई में बाधा उत्पन्न हुई।

कोर्ट सुनवाई के दौरान जूही चावला की फिल्मों के गाने एक फैन बॉय द्वारा गाए जाने का जिक्र कर रही थी।

अदालत ने व्यवधान पैदा करने वाले व्यक्ति (व्यक्तियों) को कारण बताओ नोटिस जारी किया कि क्यों न उनके खिलाफ अवमानना की कार्रवाई की जाए। दिल्ली उच्च न्यायालय ने बुधवार को बॉलीवुड अभिनेत्री और पर्यावरणविद जूही चावला के देश में 5जी दूरसंचार सेवाओं के रोल-आउट के खिलाफ दायर याचिका पर अपना आदेश सुरक्षित रख लिया था।

बेंच ने सुनवाई के दौरान वादी के वकील को "दोषपूर्ण वाद" दायर करने और वादी दायर करते समय सीपीसी की आवश्यकताओं को पूरा नहीं करने के लिए समन किया था।

बॉलीवुड अभिनेत्री और पर्यावरणविद जूही चावला ने केंद्र सरकार को देश में 5G दूरसंचार सेवाओं के ट्रायल के लिए कोई भी कदम उठाने से रोकने के लिए दिल्ली हाईकोर्ट का रुख किया है, जिसमें स्पेक्ट्रम आवंटन, लाइसेंसिंग आदि के लिए कदम शामिल हैं, लेकिन यह इन्हीं तक सीमित नहीं है।

इसमें मानव, पशु और पौधों के जीवन को दीर्घकालिक और अल्पकालिक नुकसान और पर्यावरण पर बड़े पैमाने पर हानिकारक प्रभाव के आधार भी शामिल हैं।

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