दिल्ली हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार की अग्निपथ योजना को चुनौती देने वाली याचिकाएं खारिज कीं। कोर्ट ने कहा कि उसे इस योजना में हस्तक्षेप करने का कोई कारण नहीं दिखता है।
अदालत ने कहा,
"अग्निपथ योजना को चुनौती देने वाली सभी याचिकाएं खारिज की जाती हैं।"
चीफ जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा और जस्टिस सुब्रमण्यम प्रसाद की डिविजनल बेंच फैसला सुनाया। फैसला पिछले साल 15 दिसंबर को सुरक्षित रखा गया था।
कुल 23 याचिकाओं में से पांच ने अग्निपथ योजना को चुनौती दी थी। पिछली भर्ती योजना के अनुसार नियुक्ति की मांग करने वाली अन्य 18 याचिकाओं को भी खारिज कर दिया गया है।
याचिकाकर्ताओं के लिए वकील प्रशांत भूषण, अंकुर छिब्बर, कुमुद लता दास, मनोज सिंह, हर्ष अजय सिंह, मनोहर लाल शर्मा और कई अन्य पेश हुए।
केंद्र सरकार का प्रतिनिधित्व एएसजी ऐश्वर्या भाटी और चेतन शर्मा ने किया।
सुप्रीम कोर्ट ने पहले अग्निपथ भर्ती योजना को चुनौती देने वाली हाईकोर्ट में लंबित सभी याचिकाओं को ट्रांसफर कर दिया था। जहां इसी तरह की याचिकाएं पहले से ही लंबित थीं।
याचिकाओं को खारिज करने की मांग करते हुए केंद्र ने अदालत से कहा था कि देश की सुरक्षा के लिए चुस्त, युवा और तकनीकी रूप से मजबूत सशस्त्र बलों की आवश्यकता है।
सरकार का कहना है कि योजना का उद्देश्य युवा लड़ाकू फोर्स तैयार करना है जो नई चुनौतियों का सामना करने में शारीरिक और मानसिक रूप से सक्षम होगा।
सभी हितधारकों के साथ विस्तारित अवधि में विस्तृत विचार-विमर्श के आधार पर केंद्र ने कहा कि आदर्श परिचालन और तकनीकी कौशल के साथ अनुभवी स्थायी कैडर वाला मॉडल "युवा और अच्छी तरह से सुसज्जित सहायक कैडर द्वारा समर्थित है, जिसमें गतिशील रैंक और फ़ाइल शामिल है।"
अग्निवीर रंगरूटों की सेवा की चार साल की अवधि के पहलू पर केंद्र ने कहा कि संगठनात्मक आवश्यकता को पूरा करने के लिए ट्रेनिंग की अवधि को अनुकूलित किया गया।
यह प्रस्तुत किया गया कि सशस्त्र बलों में सभी भर्ती चार साल की अवधि के लिए सबसे सक्षम युवाओं का चयन करने के लिए समकालीन तकनीक, प्रथाओं और प्रणालियों का उपयोग करते हुए केवल अग्निपथ योजना के माध्यम से आयोजित की जाएगी।
सशस्त्र बलों में युवाओं की भर्ती के लिए अग्निपथ योजना पिछले साल 14 जून को शुरू की गई। योजना के नियमों के अनुसार, साढ़े 17 से 21 वर्ष की आयु के युवा आवेदन करने के पात्र हैं और उन्हें चार साल के कार्यकाल के लिए शामिल किया जाएगा।
योजना के तहत, उनमें से 25 प्रतिशत की सेवा नियमित कर दी जाएगी। अग्निपथ की शुरुआत के बाद इस योजना के खिलाफ कई राज्यों में विरोध शुरू हो गया था। बाद में सरकार ने 2022 में भर्ती के लिए ऊपरी आयु सीमा को बढ़ाकर 23 वर्ष कर दिया।
केस टाइटल: हर्ष अजय सिंह बनाम भारत संघ और अन्य संबंधित मामले