दिल्ली हाईकोर्ट ने कांग्रेस नेता जयराम रमेश, पवन खेरा और नेट्टा डिसूजा को स्मृति ईरानी और उनकी बेटी के खिलाफ सोशल मीडिया पोस्ट हटाने का निर्देश दिया

Update: 2022-07-29 07:53 GMT

दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi High Court) ने केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी (Smriti Irani) द्वारा उनके और उनकी बेटी के खिलाफ लगाए गए कुछ आरोपों के संबंध में 2 करोड़ रुपये के दीवानी मानहानि मुकदमे में कांग्रेस नेता जयराम रमेश, पवन खेरा और नेट्टा डिसूजा को समन जारी किया।

जस्टिस मिनी पुष्कर्ण ने कहा कि ईरानी ने प्रथम दृष्टया मामला बनाया है और सुविधा का संतुलन उनके पक्ष में और प्रतिवादी नेताओं के खिलाफ है।

कोर्ट ने आदेश दिया,

"मैं सभी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स/यूट्यूब/फेसबुक/इंस्टाग्राम और ट्विटर से प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान लगाए गए आरोपों को हटाने के लिए प्रतिवादियों को निर्देश देने वाला अंतरिम निषेधाज्ञा पारित करना उचित समझता हूं।"

आगे कहा,

"उन्हें आरोपों के साथ वादी और उसकी बेटी की पोस्ट, वीडियो, ट्वीट, रीट्वीट, मॉर्फ्ड तस्वीरों को हटाने और उनके पुनर्प्रसारण को रोकने के लिए भी निर्देशित किया जाता है। यदि प्रतिवादी इस आदेश के 24 घंटों के भीतर निर्देशों का पालन करने में विफल रहते हैं, तो प्रतिवादी 4-6 सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स को सामग्री हटाने का निर्देश दिया गया है।"

सूट का विषय कांग्रेस नेताओं द्वारा एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में लगाए गए विभिन्न आरोपों से संबंधित है। इसमें खाद्य और पेय पदार्थों के संचालन से संबंध वैधानिक लाइसेंस से गोवा में 5 सोल्स कैफे एंड बार नामक एक रेस्तरां चलाने का आरोप ईरानी और उनकी बेटी पर लगाया गया है।

इसलिए, ईरानी के खिलाफ विभिन्न झूठे और मानहानि के आरोपों को हटाने और उनके खिलाफ झूठे आरोप लगाने से कांग्रेस नेताओं के खिलाफ अनिवार्य और स्थायी निषेधाज्ञा की मांग करते हुए मुकदमा दायर किया गया है।

अदालत का प्रथम दृष्टया विचार था कि ईरानी के खिलाफ वास्तविक तथ्यों की पुष्टि किए बिना निंदनीय और फर्जी आरोप लगाए गए हैं।

कोर्ट ने यह भी कहा कि कांग्रेस नेताओं की प्रेस कॉन्फ्रेंस के कारण किए गए ट्वीट और रीट्वीट के बारे में ईरानी की प्रतिष्ठा को गंभीर चोट पहुंची है।

विचाराधीन रेस्तरां से संबंधित दस्तावेजों पर गौर करते हुए अदालत ने कहा कि ईरानी को कभी भी कोई लाइसेंस जारी नहीं किया गया है।

सूट में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म, ट्विटर, यूट्यूब और मेटा को ईरानी के खिलाफ आरोपों, प्रेस कॉन्फ्रेंस के वीडियो और उसी से जुड़ी सामग्री को हटाने एकतरफा अंतरिम अस्थायी निषेधाज्ञा की मांग की गई।

इसने सोशल मीडिया प्लेटो पर ईरानी और उनकी बेटी की मॉर्फ्ड तस्वीरों के साथ वीडियो, पोस्ट, ट्वीट और री-ट्वीट को हटाने का निर्देश देने की भी मांग की।

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